केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न में आने वाले चार-पांच साल में पर्याप्त वृद्धि होगी और स्टार्टअप की 10 गुना बढ़ जाएगी।
हैदराबाद में जेआईआईएफ (जेआईटीओ इनक्यूबेशन इनोवेशन फाउंडेशन) के छठे स्थापना दिवस और इन्वेस्टर्स/स्टार्टअप कॉन्क्लेव में उन्होंने यूनिकॉर्न और स्टार्टअप के निर्माण में भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे उन्होंने एआई, वेब 3 और गहरी तकनीक जैसी उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सफलतापूर्वक प्रवेश किया है।
उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं और महत्वाकांक्षी युवा उद्यमियों के साथ भी बातचीत की।
चंद्रशेखर ने 2014 से भारत द्वारा शुरू की गई परिवर्तनकारी यात्रा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से आईटी और आईटीईएस पर ध्यान केंद्रित करने से अगले चार-पांच साल में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न के लिए पर्याप्त वृद्धि देखी जाएगी।
उन्होंने कहा, “2014 में हमारे देश का तकनीकी परिदृश्य आईटी और आईटीईएस तक ही सीमित था। हालांकि, तब से, डीप टेक, एआई, डेटा इकोनॉमी, सेमीकंडक्टर डिज़ाइन, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग जैसे विभिन्न डोमेन में अवसर उभरे हैं।”
मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के कारण, जो कभी समग्र तकनीकी क्षेत्र का केवल एक-तिहाई हिस्सा था, अब विस्तारित हो गया है, जिससे यूनिकॉर्न और स्टार्टअप के लिए अपार संभावनाएं सामने आ रही हैं। मुझे यकीन है कि 108 यूनिकॉर्न से हम अगले चार-पांच साल में 10,000 तक पहुंच जाएंगे। आज हमारे पास भारत में एक लाख से अधिक स्टार्टअप हैं और यह 10 गुना बढ़ जाएगा।”
उन्होंने कौशल विकास को बढ़ाने के लिए उद्योग और सरकार के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की भी सराहना की।
जनसंख्या के एक महत्वपूर्ण हिस्से में कौशल की कमी के कारण आने वाली ऐतिहासिक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए मंत्री ने कौशल भारत पहल के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी और छोटी दोनों कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से सरकार अब शिक्षा जगत, समुदायों और निगमों की सक्रिय भागीदारी के साथ एक व्यापक ढांचा तैयार करते हुए आवश्यक कौशल की पहचान करने के लिए मिलकर काम करती है।
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Source : IANS