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स्टारलिंक को भारत में एंट्री से पहले झटका, नहीं है उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं देने का लाइसेंस

मोदी सरकार ने कहा है कि स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज के पास भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं देने का लाइसेंस नहीं है.

Updated on: 27 Nov 2021, 04:53 PM

highlights

  • स्टारलिंक इंटरनेट के पास नहीं है भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं देने का लाइसेंस 
  • स्टारलिंक भारत में टेलीकॉम कंपनियों से साझेदारी का विकल्प ढूंढ रही है
  • स्टारलिंक कंपनी को भारत से 5,000 से अधिक पूर्व-ऑर्डर मिले हैं

नई दिल्ली:

स्टारलिंक भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं देने की तैयारी में लगी स्टारलिंक कंपनी को तगड़ा लगा है. इस कंपनी के मालिक दुनिया के सबसे दौलतमंद माने जाने वाले अरबपति एलन मस्क है. कंपनी ने प्री-बुकिंग भी शुरू कर दिया था कि  इसी बीच, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कंपनी को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है. स्टारलिंक कंपनी के सामने भारत में एंट्री की राह में रोड़ा खड़ा हो गया है. मोदी सरकार ने कहा है कि स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज के पास भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं देने का लाइसेंस नहीं है.

सरकार के दूरसंचार विभाग ने स्टारलिंक को उपग्रह आधारित संचार सेवाओं की पेशकश के लिए नियामक ढांचे का पालन करने और भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवाओं की बुकिंग या सेवाएं प्रदान करने पर "तत्काल प्रभाव से" रोक लगाने को कहा.

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सरकार ने ये एडवाइजरी ऐसे समय में जारी की है, जब स्टारलिंक भारत में टेलीकॉम कंपनियों से साझेदारी का विकल्प ढूंढ रही है.अब तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि कौन सी कंपनी साझेदार बन सकती है.आपको बता दें कि स्टारलिंक एलन मस्क की अगुवाई वाली स्पेसएक्स की उपग्रह ब्रॉडबैंड इकाई है.ये कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश में ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार करने के लिए भारत में टेलीकॉम कंपनियों के साथ गठजोड़ की संभावना तलाश रही है.

इसी महीने के पहले सप्ताह में स्टारलिंक के एक अधिकारी ने बताया था कि कंपनी को भारत से 5,000 से अधिक पूर्व-ऑर्डर मिले हैं.कंपनी प्रति ग्राहक 99 डॉलर या 7,350 रुपये ले रही है और बीटा चरण में 50 से 150 मेगाबिट प्रति सेकंड की डेटा गति देने का दावा करती है.