तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को यूक्रेन में फंसे तमिल छात्रों से बात की और उनका हालचाल जाना। साथ ही उन्होंने उनकी सुरक्षा और पीने के पानी और भोजन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली।
कुछ मिनट तक चले वीडियो कॉल में मुख्यमंत्री ने छात्रों को आश्वासन दिया कि सरकार केंद्र के साथ बातचीत कर रही है और उन्हें वापस लाने के लिए कदम उठा रही है।
यूक्रेन में फंसे तिरुचि के छात्रों से बात करते हुए स्टालिन ने कहा कि वह उस देश में चल रहे घटनाक्रम को देखकर परेशान हैं।
हालांकि, मुख्यमंत्री से बातचीत करने वाले एक छात्र ने कहा कि वर्तमान में वह और उसके दोस्त सुरक्षित हैं और जिस क्षेत्र में वे रहते हैं वह गोलाबारी के अधीन नहीं है।
मुख्यमंत्री के कार्यालय के अनुसार, छात्र से कहा, मजबूत बनो। सरकार आप सभी को वापस लाने के लिए कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहले ही यूक्रेन में फंसे छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता और रिश्तेदारों से संवाद करने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू कर दी है। इसी तरह की एक हेल्पलाइन नई दिल्ली में तमिलनाडु भवन में स्थापित की गई है।
जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन में संकट सामने आने के बाद से अब तक 1,500 से ज्यादा लोग हेल्पलाइन के जरिए तमिलनाडु सरकार तक पहुंच चुके हैं। यूक्रेन में राज्य के विभिन्न हिस्सों से लगभग 3,500 लोग हैं, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं।
भारतीय छात्रों को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज बांधकर सीमा तक वाहनों में यात्रा करने की अनुमति है। शनिवार की सुबह बुडापेस्ट से उड़ान भरने वाले कई तमिल छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें सीमा पार करने की अनुमति नहीं है।
यूक्रेन में एमबीबीएस की तृतीय वर्ष की छात्रा सौम्या नाथन ने आईएएनएस को बताया, यह एक कठिन स्थिति है और हम बंकरों में रह रहे हैं। घर वापस आने का इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद है कि हमें तमिलनाडु सरकार और भारत सरकार का यहां से निकालने में समर्थन मिलेगा।
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Source : IANS