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श्रीलंका के प्रतिनिधि मंडल ने अशोक वाटिका से लाई गई शिला को ट्रस्ट को समर्पित किया

श्रीलंका के प्रतिनिधि मंडल ने अशोक वाटिका से लाई गई शिला को ट्रस्ट को समर्पित किया

Updated on: 28 Oct 2021, 09:35 PM

अयोध्या:

श्रीलंका के राजदूत मिलिंडा मोरागोडा गुरुवार को अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि में रामलला का दर्शन पूजन कर आरती की। उन्होंने श्रीलंका की अशोक वाटिका से लाई गई एक शिला को ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को समर्पित किया। दरअसल, यह वही वाटिका है जहां पर सीता का अपहरण करने के बाद रावण ने उन्हें वहां रखा था।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से मिली जानकारी के अनुसार श्रीलंका के उच्चायुक्त, उप उच्चायुक्त व केंद्रीय सरकार के दो मंत्री महोदय श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका से श्री रामजन्मभूमि मंदिर हेतु शिलाएं लेकर अयोध्या पहुंचें तथा उन्हें भगवान श्री रामलला के चरणों में समर्पित किया। तपश्चात सभी अतिथियों ने भगवान के पूजन व आरती में भी सहभाग किया।

यह शिला युगों पुराने अयोध्या और श्रीलंका के संबंधों की याद दिलाने वाली है। अपहरण के बाद रावण माता सीता को श्रीलंका की इसी अशोक वाटिका में रखा था और माता सीता की हनुमान जी से भेंट अशोक वाटिका में ही हुई थी। राम जन्मभूमि परिसर में श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल का तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अलावा अयोध्या के साधु संतों ने स्वागत किया।

इस दौरान उनके स्वागत के लिए अयोध्या के कई संत भी मौजूद रहे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने श्रीलंका से आए प्रतिनिधिमंडल को राम मंदिर निर्माण कार्य से भी रूबरू कराया।

इस अवसर पर संतों ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से अयोध्या की सनातन संस्कृति निरंतर पल्लवित व पुष्पित हो रही है। सबकी निगाहें अब अयोध्या पर आकर टिकी हुई हैं। हर कोई रामलला का दर्शन करना चाहता है। यह अयोध्यावासियों के लिए हर्ष का विषय है।

इस दौरे पर श्रीलंका के उपराजदूत नीलूका, मंत्री पुष्पा कुमार सहित अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संत धमार्चार्य मौजूद रहे।

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी स्वीकार किया कि इस शिला के प्रति पूरा सम्मान अर्पित किया जाएगा। हालांकि अभी यह नहीं तय किया जा सका है कि राम मंदिर में अशोक वाटिका से आई शिला का किस रूप में प्रयोग होगा। शिला समर्पित करने के बाद श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या राज्य परिवार के प्रासाद राज सदन में पत्रकारों से वार्ता की। श्रीलंका के उप उच्चायुक्त नीलूका कदरगमआ ने बताया कि श्रीलंका में रामायण राम कथा और अयोध्या के बारे में सभी जानते हैं। 20 वर्ष पूर्व से श्रीलंका में रामायण यात्रा नाम की एक परियोजना संचालित है। श्रीलंका की रामायण यात्रा में बहुत से भारतीय भी शामिल होते हैं और वे श्रीलंका में रामायण कालीन अवशेषों का दर्शन करते हैं। इस मौके पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन मिश्र तीर्थ क्षेत्र के एक अन्य सदस्य डॉ अनिल मिश्र भी मौजूद रहे।

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