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कश्मीर में बड़े आतंकी हमलों की साजिश, पंजाब से राजस्थान तक ड्रोन हमले की आशंका

सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को इनपुट दिया है कि पाकिस्तान घाटी में आतंकियों की घुसपैठ करा आतंकी हिंसा में तेजी लाने की फिराक में है. इन आतंकियों में अफगानिस्तान में सक्रिय जेहादी आतंकी खासतौर पर शामिल किए गए हैं.

Updated on: 12 Jan 2020, 02:41 PM

highlights

  • जम्मू-कश्मीर में गर्मी का मौसम केंद्र सरकार के लिए भी 'गर्म' साबित होगा.
  • पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ करा आतंकी हिंसा में तेजी लाने की फिराक में.
  • जम्मू-कश्मीर सीमा के अलावा पंजाब और राजस्थान तक चौकसी का अलर्ट.

नई दिल्ली:

रविवार को दक्षिणी कश्मीर के त्राल में घंटों चली मुठभेड़ से इतना साफ हो गया है कि जम्मू-कश्मीर में आने वाला गर्मी का मौसम केंद्र सरकार के लिए भी 'गर्म' साबित होने वाला है. सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को इनपुट दिया है कि पाकिस्तान घाटी में आतंकियों की घुसपैठ करा आतंकी हिंसा में तेजी लाने की फिराक में है. इन आतंकियों में अफगानिस्तान में सक्रिय जेहादी आतंकी खासतौर पर शामिल किए गए हैं, जो न सिर्फ अच्छे से प्रशिक्षित हैं बल्कि युद्ध कला में पारंगत भी हैं. आतंकी हमलों में तेजी लाने के लिए पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक खत्म होने का इंतजार भर कर रहा है. पाकिस्तान पर एफएटीएफ की मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग पर ग्रे लिस्ट में शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है.

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पंजाब से राजस्थान तक ड्रोन हमले की आशंका
खुफिया इनपुट में जम्मू-कश्मीर सीमा के अलावा पंजाब और राजस्थान तक चौकसी बरतने को कहा गया है क्योंकि पाकिस्तान सेना की निगाह इन सीमाओं के जरिए भी घुसपैठ कराने पर भी है. सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जताई है कि आतंकियों के जरिए ड्रोन हमलों की भी साजिश रची जा सकती है. ड्रोन हमलों से बचने के लिए भी लगातार सुरक्षा बलों में मंथन किया जा रहा है. खुफिया एजेंसियों के अलर्ट में कहा गया है कि आतंकी गुट सुरक्षा बलों पर बड़े हमले की योजना बना रहे हैं. नए आतंकी गुटों की चुनौती भी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में सामने आई है. इन रिपोर्ट में मार्च-अप्रैल तक आतंकियों की हिंसा अचानक बढ़ने की आशंका जताई गई है. आतंकी गुटों की रणनीति के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने अपने आतंकवाद रोधी ऑपरेशन की व्यूह रचना तैयार की है.

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अफगानी आतंकी बड़ी चुनौती
सूत्रों ने कहा कि अफगानिस्तान से आए अफगानी आतंकियों की घुसपैठ भी बड़ी चुनौती बना है. फिलहाल कोई भी अफगानी आतंकी सीमा के भीतर आया हो ऐसी सूचना नहीं है, लेकिन सीमा पर उनकी गतिविधि लगातार देखी जा रही है. पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई की पूरी योजना है कि अफगानी आतंकियों को कश्मीर भेजा जाए. इन्हें पाकिस्तान सेना का पूरा समर्थन प्राप्त है. अफगानी आतंकियों पर भरोसे की एक बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि पाक एजेंसियों को स्थानीय आतंकियों पर पहले वाला भरोसा नहीं रहा. उनका मानना है कि ज्यादातर आतंकियों और आतंकी गुटों के आकाओं को भारतीय सुरक्षा बल ढेर कर चुके हैं. ऐसे में उनकी ताकत कमजोर हो गई है.

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सुरक्षा बल पहला निशाना
सूत्रों ने कहा कि सीमापार से आतंक का खतरा कम नहीं हुआ है. घाटी में भी आतंकियों की मौजूदगी बनी हुई है. खुफिया सूचनाओं के मुताबिक आतंकी गुट मौसम बदलने का इंतजार कर रहे हैं. सुरक्षा बल उनके लिए पहला निशाना हैं. कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधान समाप्त होने के बाद से सुरक्षा बलों की चौकसी की वजह से आतंकी गुटों का कोई मंसूबा अब तक कामयाब नहीं हुआ है. सुरक्षा बलों को आगाह किया गया है कि पाक आतंकी हमलों को लेकर नए सिरे से रणनीति बना रहा है. इंटेलीजेंस ब्यूरो की अगुवाई में गठित मल्टी-एजेंसी सेंटर (MAC) का भी मानना है कि फिलहाल घाटी में 350 से 400 की संख्या में आतंकी मौजूद हैं. इस नए खतरे से निपटने के लिए गृह मंत्रालय अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है.

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नए तारों से की गई बाड़बंदी
घुसपैठ की आशंकाओं के मद्देनजर पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा की बाड़ भी बदल दी गई है. परंपरागत कंटीले तार वाली बाड़ के स्थान पर जंग रोधी और न कट सकने वाली तार की बाड़ लगाई जा चुकी है. यह तार इसलिए भी खास है कि इस पर चढ़ना लगभग असंभव है. इसके अलावा पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा पर नए सिरे से कंटीले तारों की बाड़बंदी की जा रही है. इस बाड़ का पायलट प्रोजेक्ट असम के सिलचर में बांग्लादेश सीमा पर सफलतापूर्वक अमल में लाया जा चुका है. इस बाड़बंदी में एक किमी तार पर ही 2 करोड़ रुपए का खर्च आता है.