पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से वापस ली गई SPG सुरक्षा: रिपोर्ट्स

मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद अब केवल 4 लोगों को ही सुरक्षा उपल्बध हैं. इन 4 लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हैं

मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद अब केवल 4 लोगों को ही सुरक्षा उपल्बध हैं. इन 4 लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हैं

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Aditi Sharma
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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से वापस ली गई SPG सुरक्षा: रिपोर्ट्स

मनमोहन सिंह से वापस ली गई एसपीजी सुरक्षा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है. मीडिया रिपोर्टिस की मानें तो गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद मनमोहन सिंह को जेड प्लस की सुरक्षा कवर दी जाएगी. बताया जा रहा है कि कैबिनेट सचिवाल्य और गृह मंत्रालय द्वारा की गई समीक्षा के बाद ये फैसला लिया गया है. मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद अब केवल 4 लोगों को ही सुरक्षा उपल्बध हैं. इन 4 लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हैं. 

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें खूफिया एजेंसियों रॉ और आईबी की तरफ से मिले इनपुट के बाद गृह मंत्रालय औऱ कैबिनेट सचिव ने तीन महीनों की समीक्षा बैठक की थी जिसकी बाद सरकार ने ये फैसला लिया. फिलहाल एसपीजी सुरक्षा में आईटीबीपी, सीआरपीएफ औऱ सीआईएसएफ के 3000 से ज्यादा सैनिक शामिल होते हैं. खबरों की मानें तो एसपीजी एक्ट 1998 के नियमों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की खतरे की स्थिति की हर साल समीक्षा की जाती रही है.

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बता दें एसपीजी सुरक्षा प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री और उनक परिवार को संभावित खतरे के आधार पर दी जाती है. एसपीजी संघ की एक सशस्त्र सेना होती है जो देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित उनके उस समय के निकटतम परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. सेना की इस यूनिट की स्थापना 1988 में संसद के अधिनियम 4 की धारा 1(5) के तहत की गई थी. पूर्व प्रधानमंत्री, उनका परिवार और वर्तमान प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य चाहें तो अपनी इच्छा से एसपीजी की सुरक्षा लेने से मना भी कर सकते हैं.

कैसे हुआ एसपीजी का गठन?

1981 से पहले तक भारत के प्रधानमंत्री और उनके आवास के सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस उपायुक्त के नेतृत्व वाली स्पेशल सिक्योरिटी के हाथों में थी. अक्टूबर 1981 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कहने पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का निर्माण किया गया. जो दिल्ली के अंदर और बाहर पीएम को सुरक्षा मुहैया करवाते थे. अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्ड्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद पीएम की सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया गया.

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इसके लिए सचिवों की समिति ने पीएम की सुरक्षा का रिव्यू किया. निर्णय लिया गया कि पीएम की सुरक्षा को एक स्पेशल ग्रुप को दिया जाए जिसमें एक निर्दिष्ट अधिकारी का संगठित और प्रत्यक्ष नियंत्रण हो और एसटीएफ दिल्ली और दिल्ली से बाहर पीएम को तत्काल सुरक्षा देगी. इसी वजह से एसपीजी का गठन हुआ. यह एक स्वतंत्र निर्देशक के अंतर्गत स्थापित किया गया जो दिल्ली, देश और दुनिया के हर कोने में जहां भी प्रधानमंत्री जाएं वहां उनको सुरक्षा प्रदान करेंगे.

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