लोकसभा के बाद राज्यसभा से पास हुआ SPG Amendment Bill 2019, जानिए क्या हुए बदलाव
बिल पेश करने के दौरान कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉकआउट कर लिया.
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने मंगलवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में SPG संशोधन बिल 2019 (SPG Amendment Bill 2019 Pass) पेश किया. अमित शाह ने कहा कि इस कानून में कुछ बदलाव के लिए हम ये बिल लेकर आए हैं. शाह ने कहा कि अब सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री (Prime Minister) को ये सुरक्षा मिलेगी, इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार (Family of Prime Minister) को पांच साल तक ये सुविधा मिलेगी. बिल पेश करने के दौरान कांग्रेस (Congress) ने राज्यसभा से वॉकआउट (Walkout from Rajya Sabha) कर लिया. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एसपीजी संशोधन बिल (SPG Amendment Bill ) पेश करते हुए कहा कि SPG सुरक्षा प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत सुरक्षा होती है जो पीएम के साथ ही उनके संचार, पत्राचार, आयोग्य, कार्यालय की भी चिंता करता है.
इसके पहले संसद के शीतकालीन सत्र के12वें दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संसदीय दल की बैठक हुई. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जितेंद्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल के साथ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद रहे. राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने एसपीजी संशोधन बिल पेश किया आपको बता दें कि ये बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुका था.
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SPG कानून में हुआ ये संशोधन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा मंगलवार को राज्यसभा में एसपीजी संशोधन बिल पेश करते हुए बताया कि साल 1991 से 1994 में इस बिल में संशोधन हुआ, उसके बाद भी कई बार संशोधन हुआ. गृह मंत्री बोले कि संशोधन होने के बाद जो नया एक्ट बनेगा, उसके बाद प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के लिए एसपीजी सुरक्षा उपलब्ध रहेगी. जो प्रधानमंत्री आवास पर रहते हैं, उन्हें एसपीजी सुरक्षा मिलेगी. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि के लिए SPG प्रोटेक्शन मिलेगी. शुरुआत में SPG एक अधिशासी आदेश के तहत काम करती थी. बाद में एक कानून बना, जिसके बाद स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप काम करने लगा.
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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय संविधान के मुताबिक हेड ऑफ गवर्नमेंट प्रधानमंत्री ही होते हैं, उनके कार्यालय को सुरक्षित करने के लिए SPG सुरक्षा बनी है. गृहमंत्री ने बताया कि हमारे देश में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों की हत्या हो चुकी है जो कि देश के लिए बड़ी क्षति है, जिसके बाद इस कानून को बनाया गया. अब हमारी सरकार इसमें संशोधन कर रही है, इसके तहत अब ये सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री या उनके परिवार के सदस्यों के लिए ही होगी. पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को ये सुविधा पांच साल के लिए मिलेगी.
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पूर्व प्रधानमंत्रियों से SPG हटाए जाने का कांग्रेस ने नहीं किया था विरोध
गृहमंत्री अमित शाह ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि, देश में सिर्फ गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा नहीं हटाई गई है इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी, पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह जी, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी, पूर्व प्रधानमंत्री आई के गुजराल जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा को भी बदलकर जेड प्लस किया गया है लेकिन तब तो कांग्रेस ने कोई नाराजगी नहीं दिखाई. अमित शाह ने आगे कहा कि लोकतंत्र में कानून सबके लिए बराबर होता है, एक परिवार के लिए अलग कानून नहीं होता, हम परिवार का विरोध नहीं करते हैं. हम परिवारवाद का विरोध करते हैं. कोई प्रधानमंत्री न रहते हुए भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा मांगे तो ऐसा नहीं होता.
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गांधी परिवार से हटाई गई SPG सुरक्षा
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से SPG नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसकी वजह से गांधी परिवार के सदस्यों से SPG सुरक्षा वापस ले ली गई है. कांग्रेस ने गांधी परिवार से सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद खूब हंगामा किया. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अभी तक प्रधानमंत्री को कवर करने वाली SPG सुरक्षा मिलती थी लेकिन अब इनकी सुरक्षा CRPF के हाथ में चली गई है.
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जानिए क्यों जरूरी है SPG
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया था कि प्रधानमंत्री देश के लिए कई बार कठोर निर्णय लेते हैं, ये फैसले देश और अंतरराष्ट्रीय तौर पर महत्वपूर्ण रहते हैं. प्रधानमंत्री को सुरक्षित करने के लिए इसकी जरूरत है. गृहमंत्री ने बताया कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जो कमेटी बनी उसने इस तरह के ग्रुप की मांग की थी. इसमें सिर्फ किसी व्यक्ति की सुरक्षा की बात नहीं है, बल्कि उनके पद, कार्यालय समेत अन्य सभी बातों को भी ये ग्रुप सुरक्षा देता है. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के कई देशों में इस तरह के ग्रुप बने हुए हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना ही है ये और महत्वपूर्ण बने. मेरा सदन से अनुरोध है कि एकमत से सभी बिल को पास करें.
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जानिए SPG बिल में क्या है
यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है. इस बिल में सिर्फ प्रधानमंत्री को SPG सुरक्षा देने का प्रावधान है और उनके अलावा कोई भी विशिष्ट व्यक्ति इस सुरक्षा कवच का हकदार नहीं होगा. बिल में संशोधन के बाद कानूनी तौर पर गांधी परिवार को कोई भी सदस्य SPG सुरक्षा में नहीं रह पाएगा. प्रधानमंत्री पद से हटने के 5 साल बाद विशिष्ट व्यक्ति से भी यह सुरक्षा वापस ली जाएगी. SPG का गठन CRPF, ITBP, SSF, पुलिस और ऐसी अन्य सेनाओं द्वारा किया जाता है. ये तीनों सुरक्षाएं उन लोगों द्वारा संरक्षित की जा रही हैं जो आज भी एसपीजी का हिस्सा रहे हैं.
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