देश के शीर्ष न्यायालय ने मानवीय आधार पर ट्रांसजेंडर्स के लिए तीसरे लिंग का प्रावधान तो कर दिया पर इनके लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखने को मिला। जिसमें सबसे ज्यादा समस्या इन्हें शौचालय को लेकर आती है।
ऐसे में इनकी इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एक संस्था ने इन्हें इस बुनियादी सुविधा दिलाने की एक छोटी सी पहल की है। मुंबई की एकता हिंद सोसायटी के ट्रांसजेंडरों ने एक पहल के तहत उनके लिए अलग से शौचालय बनाए हैं। ऐसे शौचालय गोवंडी के शिवाजी नगर इलाके में बनाए जा रहे हैं।
किन्नर तबके को समाज में उनका स्थान दिलाने की दिशा में छोटी लेकिन महत्वपूर्ण पहल की है एकता हिंद सोसायटी के राईन अब्दुल सत्तार ने। स्लम में स्वच्छता अभियान के तहत राईन अब्दुल सत्तार ने बस्ती में सार्वजनिक शौचालय बनाना शुरू किया। उन्होंने ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय बनाया ताकि बस्ती के ट्रांसजेंडर किसी भेदभाव का सामना किए बगैर शौचालय इस्तेमाल कर सकें। अपनी बस्ती की सफलता देखकर अब्दुल सत्तार अब दर्जनों बस्ती में ऐसे शौचालय खोलने की कोशिश में जुट गए हैं।
HIGHLIGHTS
- साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में हैं तकरीबन 5 लाख ट्रांसजेंडर
- अप्रैल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग की मान्यता
- शिवाजी नगर इलाके में बनाए जा रहे हैं शौचालय
Source : News Nation Bureau