मुंबई में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को कथित तौर पर सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर केस में आरोप तय किए हैं। इस केस में कोर्ट ने हत्या, अपहरण, साजिश, सबूत मिटाने जैसे गंभीर आरोप तय किए हैं।
सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि 'कोर्ट ने 16 आरोपियों पर चार्जेस तय किए हैं। कुछ आरोपियों पर आरोप तय नहीं किए गए हैं क्योंकि उनकी एप्लीकेशंस बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं।'
इस केस की सुनवाई सीबीआई जज सुनील कुमार शर्मा करेंगे। हालांकि सभी अभियुक्तों ने आरोपों से इनकार किया।
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बता दें कि कोर्ट इस मामले में कोर्ट पहले ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान के बिजनेसमैन विमल पाटनी, पूर्व गुजरात पुलिस चीफ पीसी पांडे, एडिशनल डीजीपी गीता जौहरी, गुजरात पुलिस ऑफिसर अभय चुड़ासामा और एनके अमिन मामले में बरी कर चुका है।
इनके अलावा कोर्ट यशपाल चूड़सामा और अजय पटेल (अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के वरिष्ठ पदाधिकारी दोनों), गुजरात आईपीएस ऑफिसर राजकुमार पांडियान और आंध्रप्रदेश केडर आईपीएस ऑफिशियल एन बालासुब्रमण्यम, राजस्थान आईपीएस ऑफिसर दिनेश एमएन और गुजरात कॉप डीजी वंजारा बरी कर चुका है।
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क्या था मामला
सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी कौसार बी को कथित तौर पर गुजरात एंटी टेररिज्म स्कॉव्ड ने हैदराबाद से सांगली महाराष्ट्र जाते वक्त अपहरण कर लिया था। इस दौरान सोहराबुद्दीन की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।
आरोप है कि नवंबर 2005 में नगुजरात के गांधीनगर के पास कथित रूप से इस हत्या के बाद उसकी पत्नी भी गायब हो गई थी। जिसे माना जाता है कि उसकी भी मौत हो गई थी।
इसके बाद दिसंबर 2006 में इस हत्या के चश्मदीद गवाह प्रजापति की भी कथित तौर पर पुलिस ने छापरी गांव में हत्या कर दी थी। सितंबर 2012 में सोहराबुद्दीन केस मुंबई सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था।
Source : News Nation Bureau