लोकसभा में हंगामे को लेकर स्‍पीकर ने दिखाई सख्‍ती, पूरे सत्र के लिए निलंबित करने की चेतावनी

लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने तथा सरकार से जवाब की मांग कर रहे कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका.

लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने तथा सरकार से जवाब की मांग कर रहे कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका.

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Sunil Mishra
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लोकसभा में हंगामे को लेकर स्‍पीकर ने दिखाई सख्‍ती( Photo Credit : ANI Twitter)

लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने तथा सरकार से जवाब की मांग कर रहे कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका और सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. सत्तापक्ष और कांग्रेस के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की की सोमवार की घटना की पृष्ठभूमि में अध्यक्ष ओम बिरला ने आज घोषणा की कि सदन में कोई भी सदस्य शोर शराबा एवं प्रदर्शन करते हुए यदि दूसरे पक्ष की सीटों की तरफ जाएगा तो उसे शेष पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया जाएगा. उन्होंने सदन में प्लेकार्ड लाने की भी अनुमति नहीं देने की घोषणा की.

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सदन की बैठक सुबह 11 बजे शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया. इस बीच विपक्ष के सदस्य दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग करने लगे. बिरला ने कहा कि हम सभी ने तय किया है कि कोई भी विषय प्रश्नकाल के बाद उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘आज सुबह सर्वदलीय बैठक में भी चर्चा हुई कि कोई भी सदस्य चाहे वह विपक्ष के हों या सत्तापक्ष के हों.. वे (प्रदर्शन करते हुए) एक दूसरे पक्ष की सीटों की तरफ नहीं जाएंगे. अगर कोई सदस्य दूसरे पक्ष की तरफ जाते हैं तो उन्हें चालू सत्र की शेष पूरी अवधि के लिए निलंबित कर दिया जाएगा.’’

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘ सदन में अनुशासन बनाने के लिए आपके नेतृत्व में लिए गये निर्णय का हम तहेदिल से स्वागत करते हैं. दिल्ली हिंसा का मुद्दा शून्यकाल में उठाया जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने कल भी कहा था कि सरकार की प्राथमिकता शांति लाने और सामान्य स्थिति बहाल करने की है. लोकसभा अध्यक्ष चर्चा के लिए जो समय तय करें, सरकार उसके लिए तैयार है. हमें कोई आपत्ति नहीं है.’’ इस दौरान कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और सपा समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग करते रहे. सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के नेता टी आर बालू ने प्रश्नकाल स्थगित कर पहले दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग की.

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लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यह भी तय किया गया है कि सदन में कोई भी सदस्य प्लेकार्ड लेकर नहीं आएगा. इस पर विपक्ष के सदस्य विरोध जताने लगे. बिरला ने कहा कि अगर ऐसा है तो आप घोषणा कर दें कि संसद में प्लेकार्ड लेकर आना चाहते हैं और प्लेकार्ड लेकर सदन चलाना चाहते हैं. क्या आप ऐसी घोषणा करेंगे? शोर-शराबे के बीच ही विपक्ष के कई सदस्यों की ओर से ‘हां’ सुनाई दिया. हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर 12 बजे बैठक पुन: शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर शोर-शराबा करने लगे.

पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कहा कि आज सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अनुदान की मांगों पर चर्चा होनी है. उन्होंने कहा कि यह विषय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों से जुड़ा गरिमा वाला विषय है. उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को इस गरिमा पूर्ण विषय पर चर्चा करनी चाहिए.’’ हालांकि कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्यों का शोर-शराबा जारी रही और पीठासीन सभापति सोलंकी ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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सोमवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने दिल्ली में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए भारी हंगामा किया और इस दौरान कांग्रेस एवं भाजपा सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. हंगामे के कारण सोमवार करे सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई थी.

Source : Bhasha

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