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दक्षिणी निगम ने कंपोस्ट खाद से लदे दो ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

दक्षिणी निगम ने कंपोस्ट खाद से लदे दो ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

Updated on: 28 Aug 2021, 09:50 PM

नई दिल्ली:

दक्षिणी निगम नगर निगम के आज पश्चिमी क्षेत्र के टैगोर गार्डन में स्थित जैविक कंपोस्ट साइट में निर्मित 10000 किलो जैविक खाद से भरे 2 ट्रकों को निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष कर्नल बी. के. ओबेरॉय और आयुक्त ज्ञानेश भारती ने हरी झंडी दिखा कर निगम के पार्कों में इस्तेमाल के लिए उद्यान विभाग को देने के लिए रवाना किया।

दक्षिणी निगम के पश्चिमी क्षेत्र से एकत्रित गीले कूड़े से जैविक खाद बनाने हेतु कंपोस्ट संयंत्र का उदघाटन दक्षिणी निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने 5 सितंबर 2020 को किया था।

टैगोर गार्डन स्थित इस कंपोस्ट संयंत्र की प्रारंभिक क्षमता 1 मीट्रिक टन प्रतिदिन थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 मीट्रिक टन प्रतिदिन कर दिया गया है। इस कंपोस्ट संयंत्र की निर्माण लागत महज 50000 रुपए है।

यह संयंत्र अपने आप में अनूठा है क्योंकि ज्यादातर कंपोस्ट संयंत्र ईंटो से निर्मित गढ्ढों का प्रयोग करते हैं लेकिन वायर मैश तकनीक पर आधारित इस कंपोस्ट पिट में अधिक वायु मिश्रण के कारण कम्पोस्टिंग की प्रक्रिया तेजी से होती है।

वायर मैश आधारित इस कंपोस्ट साइट का डिजाइन दक्षिणी निगम के स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी राजीव जैन ने तैयार किया था।

कंपोस्ट संयंत्र में कार्बन एवं नाइट्रोजन का अनुपात बनाए रखने के लिए गीले कूड़े के साथ लकड़ी का बुरादा मिलाया जाता है तथा कम्पोस्टिंग की प्रक्रिया जल्दी पूरा करने के लिए थोड़ी मात्रा में पुराना कंपोस्ट खाद मिलाया जाता है।

अध्यक्ष स्थायी समिति कर्नल बी. के. ओबेरॉय ने कहा कि, हमारा उद्देश्य दक्षिणी निगम के प्रत्येक वार्ड में कम्पोस्टिंग संयंत्र बनाने का है जिसकी सहायता से लैंडफिल साइटों पर कूड़े के ढेर को कम करने में मदद मिलेगी जिससे हमारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में रैंकिंग सुधारने में सहायता मिलेगी। इससे दक्षिणी निगम कूड़े की ढुलाई के खर्च की मद में भी बचत कर पाएगा।

आयुक्त ज्ञानेश भारती ने कहा कि, दक्षिणी निगम के अधिकार क्षेत्र में गीले कूड़े को संसाधित करने का कार्य 40 स्थलों पर किया जा रहा है जिनकी क्षमता 100 मीट्रिक टन प्रतिदिन है, जिसे 3-4 महीने में बढ़ाकर 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन कर दिया जाएगा। इसकी सहायता से कूड़े की ढुलाई के खर्च को कम करने में मदद मिलेगी तथा वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

अधीक्षण अभियंता एवं स्वच्छ भारत अभियान के नोडल अधिकारी राजीव जैन ने बताया कि, दक्षिणी निगम के अधिकार क्षेत्र में यह सबसे सफल कंपोस्ट साइट है जहां पर प्रतिदिन 5000 किलो गीले कूड़े को संसाधित किया जाता है। पश्चिमी क्षेत्र में 8 कंपोस्ट साइट हैं जोकि, राजा गार्डन, ख्याला, तिलक नगर, सुभाष नगर, जनकपुरी एवं विकास पुरी में स्थित हैं।

उन्होंने बताया कि, पश्चिमी क्षेत्र में स्थित इन कंपोस्ट साइटों पर सितंबर 2021में 80000 किलो तथा अक्तूबर माह में 1,10,000 किलो कंपोस्ट खाद तैयार की जायेगी।

उन्होंने टैगोर गार्डन स्थित कंपोस्ट संयंत्र का ब्योरा देते हुए बताया कि 1 सितंबर 2020 से 28 अगस्त 2021 तक 6,50,000 किलो गीले कूड़े से 1,20,000 किलो जैविक खाद तैयार की गई, जिसमें से 82,000 किलो खाद उद्यान विभाग को दी गई,16,000 किलो खाद विद्यालयों को 22,000 किलो खाद आर डब्ल्यू ए, नागरिकों एवं धार्मिक स्थलों को एवं 1,000 किलो जैविक खाद राष्ट्रपति भवन को दी गई।

कम्पोस्टिंग की सहायता से कूड़े की ढुलाई की मद में 5,50,000 रुपए की बचत की गई तथा 25 रुपए प्रति किलो की दर से 30,00,000/- रुपए की कीमत की जैविक खाद तैयार की गई।

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