दक्षिणी नगर निगम ने बैंक्वेट हॉल, वाणिज्यिक, मैरिज हॉल किराए के प्रतिष्ठानों के लिए संपत्ति कर की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने का फैसला किया है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मंगलवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में कर वृद्धि वापस लेने का फैसला किया गया, इससे फैसले के बाद से सीधा व्यापरियों को लाभ पहुंचेगा।
दरअसल निगम चुनाव से पहले भाजपा लगातार प्रयास कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को लुभाया जा सके, इसी कड़ी में व्यापारियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि इस फैसले के बाद से पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे निगम को और नुकसान हो सकता है। जानकारी के अनुसार, निगम क्षेत्र के अधीन करीब 8 हजार से अधिक वाणिज्यिक संपत्तियां हैं जो किराए पर चल रही हैं।
स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन बी के ओबेरॉय ने बताया कि, म्युनिसिपल वैल्यूएशन कमेटी 3 के अंतर्गत 8 बिंदु थे, जिन्हें हमने रिसॉल्व किया है।
किराए के वाणिज्यिक परिसरों, खाली भूमि, अधिभोग कारक, टेलिकॉम टॉवर, मनोरंजन एवं विश्राम और क्लबों, शैक्षिक संस्थान, अतिथि गृहों एवं लॉज और बैंक्वेट हॉल इन सभी संपत्ति कर को म्युनिसिपल वैल्यूएशन कमेटी ने लगभग दो गुना करने की शिफारिश की थी।
हालांकि अप्रैल 2020 में इन सिफारिशों को लागू किया गया, लेकिन जुलाई 2020 में पूर्वव्यापी प्रभाव से पास किया था।
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Source : IANS