बतौर कांग्रेस अध्यक्ष अपने आखिरी संबोधन में पति राजीव गांधी और सास इंदिरा गांधी को याद कर सोनिया गांधी भावुक हो गई। राहुल गांधी की ताजपोशी के मौके पर सोनिया ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद परिवार को राजनीति में नहीं आने देना चाहती थी।
सोनिया ने आगे कहा, 'राजीव जी से विवाह के बाद ही मेरा राजनीति से परिचय हुआ। इस परिवार में मैं आई। यह एक क्रांतिकारी परिवार था। इंदिरा जी इसी परिवार की बेटी थी, जिस परिवार ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना धन-दौलत और पारिवारिक जीवन त्याग दिया था। उस परिवार का एक-एक सदस्य देश की आजादी के लिए जेल जा चुका था। देश ही उनका मकसद था, देश ही उनका जीवन था।'
सोनिया गांधी ने कहा, 'इंदिरा जी ने मुझे बेटी की तरह अपनाया और उनसे मैंने भारत की संस्कृति के बारे में सीखा। 1984 में उनकी हत्या हुई। मुझे ऐसा महसूस हुआ, जैसे मेरी मां मुझसे छीन ली गई। इस हादसे ने मेरे जीवन को हमेशा के लिए बदल डाला। उन दिनों मैं राजनीति को एक अलग नजरिए से देखती थी। मैं अपने पति और बच्चों को इससे दूर रखना चाहती थी। लेकिन मेरे पति के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी थी। उन्होंने कर्तव्य समझकर पीएम का पद स्वीकार किया। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए उन्होंने दिन-रात एक किया। उनके साथ मैंने देश के कोने-कोने का दौरा किया और लोगों की समस्या को समझा।'
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उन्होंने कहा, 'इंदिरा जी की हत्या के बाद सात साल ही बीते थे कि मेरे पति की भी हत्या कर दी गई। मेरा सहारा मुझसे छीना गया। इसके कई साल बीतने के बाद जब मुझे लगा कि कांग्रेस कमजोर हो रही है और सांप्रदायिक तत्व उभर रहे हैं तब मुझे पार्टी के आम कार्यकर्ताओं की पुकार सुनाई दी। मुझे महसूस हुआ कि इस जिम्मेदारी को नकारने से इंदिरा और राजीव जी की आत्मा को ठेस पहुंचेगी। इसलिए देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए मैं राजनीति में आई।'
आपको बता दें की देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 में उनके अंगरक्षकों द्वारा कर दी गई थी। वहीं बम बेल्ट का इस्तेमाल कर तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या की गई थी।
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इटली में जन्मीं सोनिया गांधी ने 1968 में राजीव गांधी से विवाह किया था। भारतीय नागरिकता लेने के बाद वह अपनी सास व तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ दिल्ली में रहने लगीं। राजीव गांधी की हत्या के सात साल बाद 1998 में वह कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बनीं। वह तब से कांग्रेस अध्यक्ष पद पर आसीन थी। अब उन्होंने राहुल को पार्टी की कमान सौंपी है।
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Source : News Nation Bureau