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NEET-JEE पर सोनिया की मोदी सरकार को सलाह- छात्र देश का भविष्य, उनकी बात जरूर सुनें

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित नीट एवं जेईई की परीक्षाएं कोरोना वायरस महामारी के बीच कराने के फैसले को लेकर शुक्रवार को कहा कि सरकार को छात्रों की आवाज सुननी चाहिए.

Updated on: 28 Aug 2020, 05:38 PM

दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित नीट एवं जेईई की परीक्षाएं कोरोना वायरस महामारी के बीच कराने के फैसले को लेकर शुक्रवार को कहा कि सरकार को छात्रों की आवाज सुननी चाहिए और उनकी इच्छा के अनुसार कदम उठाना चाहिए. सोनिया ने कांग्रेस के ‘स्पीक अप फॉर स्टूडेंट्स सेफ्टी’ अभियान के तहत वीडियो जारी कर कहा कि मुझे इसका अहसास है कि आप (छात्र) मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं. आपकी परीक्षा के मुद्दे को सबसे अधिक महत्व मिलना चाहिए.

सोनिया गांधी ने कहा कि यह सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है. आप हमारा भविष्य हैं. हम बेहतर भारत के निर्माण के लिए आप पर निर्भर हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों के भविष्य से जुड़ा कोई फैसला उनकी सहमति के आधार पर होना चाहिए. सोनिया ने कहा कि आशा करती हूं कि सरकार आपकी आवाज सुनेगी और आपकी इच्छा के अनुसार कदम उठाएगी. सरकार को मेरी यही सलाह है.

गौरतलब है कि जेईई(मेन) परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कराने का कार्यक्रम है.

NEET-JEE परीक्षा पर राहुल गांधी ने सरकार को दिया यह सुझाव

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित नीट एवं जेईई की परीक्षाएं कोरोना वायरस महामारी के बीच कराने के फैसले का विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को सभी पक्षों से बातचीत कर सहमति बनाते हुए कोई समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने सरकार पर कोरोना वायरस संकट से निपटने में अक्षम रहने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को अपना फैसला थोपना नहीं चाहिए.

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार से आग्रह किया कि छात्रों की आवाज सुनी जाए और राजनीति से ऊपर उठकर फैसला किया जाए. कांग्रेस के ‘स्पीक अप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी’ अभियान के तहत राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि प्रिय छात्रों, आप इस देश का भविष्य हैं और आप लोग ही भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. हर व्यक्ति समझता है कि पिछले तीन-चार महीनों में क्या हुआ. हर कोई समझता है कि कोविड संकट से सही ढंग से निपटा नहीं गया. आर्थिक तबाही हुई, लोगों को दर्द हुआ है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं नहीं समझता कि लोगों को आगे और तकलीफ क्यों दी जाए? मैं नहीं समझता कि आपने क्या गलत किया है? स्पष्ट तौर पर देख सकता हूं कि सरकार अक्षम रही है. सरकार को क्यों आप पर कुछ थोपना चाहिए? सरकार को आपको सुनना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘कोई भी निर्णय सभी से बातचीत के बाद लिया जाना चाहिए. सरकार को सहमति बनानी चाहिए.

राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार से मेरा कहना है कि आप पहले ही पर्याप्त तबाही कर चुके हैं. आपने छात्रों को आहत किया है. आप देश के छात्रों को सुनिए और फिर शांतिपूर्वक समाधान निकालिए. प्रियंका ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के माहौल में जेईई-नीट परीक्षा देने जाने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिवावकों की बात सुनना जरूरी है. ये बच्चे देश का भविष्य हैं. छात्र-छात्राओं की चिंताओं को संवेदना से देखना होगा न कि हठ और राजनीतिक दृष्टि से.

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि छात्रों की आवाज अनसुनी नहीं की जाए और राजनीति से इतर फैसला किया जाए. गौरतलब है कि जेईई(मेन) परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कराने का कार्यक्रम है.