logo-image

दिल्ली में जहरीली हवा देख सोनिया गांधी ने किया यह निर्णय, साथ आए प्रियंका-राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को डॉक्टरों ने सलाह दी है कि वह सीने में संक्रमण के चलते दिल्ली में गंभीर प्रदूषण से बचने के लिए कुछ समय के लिए बाहर चली जाएं.

Updated on: 20 Nov 2020, 01:20 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को डॉक्टरों ने सलाह दी है कि वह सीने में संक्रमण के चलते दिल्ली में गंभीर प्रदूषण से बचने के लिए कुछ समय के लिए बाहर चली जाएं. इसके बाद संभावना जताई जा रही है कि वह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ शुक्रवार को गोवा जा सकती है. सोनिया गांधी 2 अगस्त से सर गंगाराम अस्पताल से छुट्टी के बाद मेडिकेशन पर हैं और उनके डॉक्टर उनके सीने में लगातार संक्रमण से चिंतित हैं. सूत्रों की मानें तो गांधी परिवार लगभग एक हफ्ते गोवा में समय बिताएगा. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सोनिया गांधी जाड़ों में दिल्ली से बाहर जा रही हैं. 

गोवा में बिताएंगी हफ्ता भर
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की हर्ड वेव के साथ ही बढ़ता प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है. शुक्रवार सुबह 10 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 305 था, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. ऐसे में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अगले हफ्ते तक दिल्ली से बाहर रहेंगी. डॉक्टरों की सलाह पर सोनिया दिल्ली से बाहर अनुकूल वातावरण में कुछ समय बिताएंगी. सोनिया गांधी और राहुल गांधी आज गोवा के लिए निकल रहे हैं. पिछले कुछ सालों से सोनिया गांधी सर्दी के महीनों में कुछ समय दिल्ली से बाहर बिताती हैं. स्वास्थ्य कारणों की वजह से दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से उनकी तबीयत बिगड़ने का खतरा रहता है. पिछले साल भी उन्होंने एक-दो हफ्ते गोवा में बिताए थे. हालांकि कोरोना काल मे सोनिया तमाम बैठक और मीटिंग में हिस्सा वीडियो कांफ्रेस के जरिए ही ले रही हैं.

दिल्ली में सांस लेना होता जा रहा मुश्किल
गौरतलब है कि पटाखों पर एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद इस साल दिवाली के मौके पर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ऊंचा रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2019 की तुलना में इस साल दिवाली में सभी प्रदूषकों की मात्रा ऊंची रही. सीपीसीबी की तरफ कहा गया था, 'दिवाली इस साल मध्य नवंबर में थी जब प्रदूषकों के छितराव के लिए मौसम दशाएं अनुकूल नहीं होती हैं. इसके विपरीत 2019 में दिवाली अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में थी.' इस साल दिवाली के दिन पीएम 2.5 की मात्रा में पराली के दहन का योगदान 32 फीसद था जबकि पिछले साल यह महज 19 प्रतिशत था.