सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा, रेलवे का निजीकरण कर निजी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने की कोशिश में है सरकार

सोनिया गांधी ने कहा, आज यह देखकर अफसोस हो रहा है कि कौड़ियों के भाव में सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्‍तियों को बेचा जा रहा है.

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Sunil Mishra
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सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा, रेलवे का निजीकरण कर निजी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने की कोशिश में है सरकार

लोकसभा में सोनिया गांधी (GRAB)

यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में रेलवे के निजीकरण का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्‍होंने रायबरेली रेल कोच फैक्‍ट्री का निजीकरण कर कौड़ियों के भाव में बेचने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. सोनिया गांधी ने कहा, मैं सरकार का ध्‍यान दिलाना चाहती हूं कि सार्वजनिक क्षेत्र के बुनियादी सुविधाओं पर ध्‍यान दे, निजी क्षेत्र के उद्यमियों को लाभ पहुंचाने का काम न करे. उन्‍होंने इस दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के लिए किए गए कामों को भी गिनाया.

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सोनिया गांधी ने कहा, आज यह देखकर अफसोस हो रहा है कि कौड़ियों के भाव में सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्‍तियों को बेचा जा रहा है. रायबरेली की रेल कोच फैक्‍ट्री को लेकर भी इसी तरह की कोशिश हो रही है. सोनिया गांधी ने सरकार से यह भी पूछा कि रेल बजट की परंपरा क्‍यों खत्‍म की गई.

उन्होंने कहा कि रायबरेली में देश की सबसे पुरानी रेल कोच फैक्‍ट्री है, जिसके निजीकरण की साजिश चल रही है. ऐसा क्‍यों किया जा रहा है, सरकार को यह बतानी चाहिए. सोनिया गांधी ने सरकार से पूछा कि ऐसी कौन सी जरूरत आन पड़ी थी कि सरकार ने रेल बजट की परंपरा खत्म कर दी. उन्‍होंने यह भी कहा कि रेलवे के निजीकरण से हजारों लोग बेरोजगार होंगे और इससे बेरोजगारी दर और बढ़ जाएगी.

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लोकसभा में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने रेलवे की 6 इकाइयों के निजीकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पहले चरण में रायबरेली की कोच फैक्ट्री का निजीकरण किया जा रहा है. यह देश की अमूल्य संपत्ति को कौड़ियों के दाम चंद निजी हाथों के हवाले करने की पहली प्रक्रिया है और इससे हजारों लोग बेरोजगार होंगे.

सोनिया गांधी ने कहा कि इससे 2 हजार मजदूरों और कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है. सरकार क्यों ऐसी इकाई का कंपनीकरण करना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए किसी को विश्वास में नहीं लिया है और सरकार को याद दिलाना चाहती हूं कि सार्वजनिक क्षेत्रों का बुनियादी मकसद लोक कल्याण है. पंडित नेहरू ने सार्वजनिक उद्योगों को आधुनिक भारत का मंदिर कहा था और आज इस तरह के मंदिर खतरे में हैं.

उन्‍होंने यह भी कहा कि एचएएल, एमटीएनएल के साथ क्या हो रहा है यह किसी से छुपा नहीं है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की सभी कंपनियों की रक्षा की जाए.

Source : News Nation Bureau

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