यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध सही नहीं : सोराबजी
सोराबजी ने कहा, 'मुस्लिम संगठनों का सोचना गलत है यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान के नीति निर्देशक तत्व का एक हिस्सा है।'
नई दिल्ली:
ट्रिपल तलाक को खत्म किए जाने के खिलाफ केंद्र सरकार के हलफनामे का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विरोध किए जाने के बाद देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधा है। सोराबजी ने कहा, 'मुस्लिम संगठनों का सोचना गलत है यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान के नीति निर्देशक तत्व का एक हिस्सा है। 'पर्सनल लॉ भले ही वह किसी भी धर्म का हिस्सा हो लेकिन अगर उससे मूल अधिकारों का उल्लंघन होता है तब ऐसी सूरत में पर्सनल लॉ को दरकिनार कर मूल अधिकारों को तरजीह देनी होगी।'
पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'राय शुमारी के लिए दिए गए लॉ कमीशन की प्रश्नावली का विरोध करने की बजाए उसका जवाब देना चाहिए।' शुक्रवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा था कि वे ट्रिपल तलाक पर लॉ कमीशन के प्रश्ननावली का जवाब नहीं देंगे।
सोराबजी ने कहा, 'मेरा मानना है कि बहु विवाह और ट्रिपल तलाक संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है और हमें संविधान में दिए गए मूल अधिकारों को सबसे ऊपर मानना होगा। संविधान सर्वोच्च है ना कि पर्सनल लॉ'।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चल रही राजनीति पर भी निशाना साधते हुए कहा, 'राजनीतिक दल इस मुद्दे का सियासी लाभ उठाना चाहते हैं। शहबानो केस को कितने साल हो गए। इस मामले का सबक यही है कि सभी संबंधित पक्षों को साथ लेकर चला जाए'।
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