Advertisment

नागरोटा में सैनिकों की पत्नियों की सूझ बूझ से टला बंधक संकट

भारतीय सेना के सैनिकों की पत्नियों की सूझबूझ के कारण नागरोटा में हुए आतंकी हमले में सेना को बड़े नुकसान से बचा लिया।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
नागरोटा में सैनिकों की पत्नियों की सूझ बूझ से टला बंधक संकट
Advertisment

भारतीय सेना के सैनिकों की पत्नियों की सूझबूझ के कारण नागरोटा में हुए आतंकी हमले में सेना को बड़े नुकसान से बचा लिया।

फैमिली क्वार्टर्स में रह रहीं इन महिलाओं की सूझबूझ की बदौलत ही 'बंधक संकट' ज्यादा बड़ा रूप नहीं ले पाया। अपने नवजात बच्चों के साथ फैमिली क्वार्टर में रह रहीं दो महिलाओं की बहादुरी ने चलते आतंकियों के मंसूबे पर पानी फिर गया।

पुलिस की वर्दी पहने भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने जब 16 कॉर्प्स मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर स्थित आर्मी यूनिट पर हमला किया, तो उनका मकसद फैमिली क्वॉर्टर्स में घुसना था, ताकि वे वहां रह रहे सैनिकों के परिवारों को बंधक बना सकें।

नागरोटा में हुए एनकाउंटर में शामिल एक आर्मी अफसर ने बताया, 'दो आर्मी अफसरों की पत्नियों ने साहस दिखाते हुए घर के कुछ सामानों की मदद से अपने क्वार्टर की एंट्री को ब्लॉक कर दिया, जिससे आतंकवादियों के लिए घर में दाखिल होना मुश्किल हो गया।'

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'आतंकवादी दो बिल्डिंग्स में घुसे जिसमें सैनिकों के परिवार रहते हैं। इससे 'बंधक सकंट' जैसे हालात बन गए। इसके बाद सेना ने फौरन कार्रवाई करते हुए वहां से 12 सैनिकों, दो महिलाओं और दो बच्चों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला।'

अधिकारी ने बताया कि जिन दो बच्चों को बचाया गया है उनकी उम्र महज 18 महीने और दो महीने की है। हालांकि, इस रेस्क्यू के दौरान एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए।

अधिकारी ने कहा, 'अगर इन महिलाओं ने मुस्तैदी न दिखाई होती, तो आतंकवादी उन्हें बंधक बनाने में सफल हो जाते और सेना को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते थे।' 

मंगलवार को हुए आतंकी हमले में दो अफसरों समेत 7 सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि हमला करने वाले तीनों आतंकियों को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।

Source : News Nation Bureau

Nargota Attack Soilders wife
Advertisment
Advertisment
Advertisment