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Solar Guns: सीमा पर भारत के दुश्मनों का पता लगा कर देगी ढेर

इसकी मारक क्षमता तकरीबन 500 मीटर तक होगी. इस मानव रहित गन को ऑटोमेटिक और मैनुअल भी कर सकते हैं.

Updated on: 24 Oct 2021, 01:49 PM

highlights

  • सौर ऊर्जा संचालित मानव रहित बॉर्डर सिक्योरिटी सिस्टम तैयार
  • मैनुअल मोड पर इंटरनेट या रिमोट से जवान कर सकते हैं संचालित
  • 360 डिग्री घूम कर दुश्मनों को टार्गेट कर सकेगी सोलर गन

नई दिल्ली:

देश की सीमाओं पर आए दिन हो रहे हमलों और जान गंवाते अपने जवानों की सुरक्षा के लिए मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजनियरिंग टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) इंजीनियरिंग कॉलेज मेरठ के सहयोग से एक मानव रहित बॉर्डर सिक्योरिटी सिस्टम तैयार किया गया है. इस डिवाइस को मानव रहित सोलर मशीन गन नाम दिया गया है. यह सिस्टम बॉर्डर पर तैनात जवानों की सुरक्षा और सुरक्षित रहते हुए आतंकियों का सामना करने के लिए बनाया गया है. एमआईईटी इंजीनियरिंग कॉलेज मेरठ के आईडिया इनोवेशन लैब में इसे तैयार किया गया है. यह मशीन गन इलेट्रॉनिक है. इसे संचालित करने के लिए किसी इंसान की जरुरत नहीं होगी. इसका इस्तेमाल अति दुर्गम बॉर्डर एरिया में आतंकियों का सामना करने के लिए किया जा सकेगा. इसमें लगे सेंसर कैमरे दुश्मनों पर दूर से नजर रख सकतें हैं. आस-पास किसी तरह की आहट होने पर यह मानव रहित गन जवानों को चौकन्ना करने के साथ खुद निर्णय लेकर दुश्मनों पर गोलियों की बौछार भी करने में सक्षम होगा.

मारक क्षमता है 500 मीटर
इसे तैयार करने वाले युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने बताया कि यह अभी प्रोटोटाईप बनाया गया है. इसकी मारक क्षमता तकरीबन 500 मीटर तक होगी, जिसे और बढ़ाया भी जा सकता है. इस मानव रहित गन को ऑटोमेटिक और मैनुअल भी कर सकते हैं. ऑटोमेटिक करने पर इसे संचालित करने की जरुरत नहीं पड़ती और मैनुअल मोड पर इसे इंटरनेट या रिमोट से हमारे जवान संचालित कर सकेंगे. यह गन सोलर पैनल से चार्ज होता है और कई महीने धूप न मिलने पर भी यह काम कर सकता है. इसकी मदद से आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में हमारे जवानों की जान-माल का नुकसान नहीं होगा.

जवान खुद को सुरक्षित रख मार सकेंगे दुश्मन को
उन्होंने बताया कि इस गन को रिमोट व इंटरनेट की सहायता से बिना दुश्मन की नजर में आये हमारे जवान खुद को सुरक्षित रखते हुए आतंकियों पर गोलाबारी कर सकेंगे. उपकरण के तीन पार्ट हैं. यह तीनों वायरलेस तकनीक की मदद से एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं. जैसे ही कोई बॉर्डर पार करने की कोशिश करता है या इनके सेंसर के रेंज में कोई हलचल होती है तो ये सोलर गन को एक अलर्ट भेजता है, जिससे उस बॉर्डर एरिया में लगा मशीन गन एक्टिवेट हो जाता है और टार्गेट पर गोलियाँ दागना शुरू कर देता है. श्याम ने बताया कि इस मानव रहित मशीन गन से बॉर्डर एरिया में किसी जानवर या बेगुनाह की जान को नुकसान न पहुंचे इसके लिए यह गन गोलियाँ दागने से पहले कंट्रोल रूम को टार्गेट का फोटो सेंड कर देता है ताकि किसी बेगुनाह की जान न जाये. इस उपकरण की मदद से हमारे जवान दुश्मन की नजर में आये बिना उन पर गोला बारी कर सकेंगे.

360 डिग्री पर घूम चहुंओर करता है मार
कॉलेज के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर में इस उपकरण का प्रोटोटाईप तैयार करते वक्त इस बात का ध्यान रखा गया है कि गन के पास अगर कोई अपना सैनिक गलती से आ जाये तो ये खुद को लॉक कर लेता है. श्याम ने बताया कि इस उपकरण का प्रथम प्रोटोटाईप बनाने में लगभग 25000 रुपये का खर्च आया है. ये उपकरण 360 डिग्री में घूम कर दुश्मनों को टार्गेट कर सकेगा. इसका वजन प्रोटोटाईप में 40 किलो है. इस उपकरण को बनाने में लॉन्ग रेंज का मोशन सेंसर कैमरा, सेंसर ट्रिगर, मेटल पाईप, ट्रांसमीटर रिसिवर, नाईट विजन सेंसर, 12 वोल्ट सोलर प्लेट, जीएसएम अलार्म, 6 वोल्ट बैटरी का उपयोग हुआ है.

सेना के लिए एक बड़ा कदम
एमआईईटी के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल ने बताया कि कॉलेज के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर में आईडिया इनोवेशन रिसर्च लैब है, जिसमें हमारे छात्र इनोवेटर के साथ मिल कर देश की तरह-तरह के समस्याओं को अपने नये-नये अविष्कार व नवाचार के जरिये हल करते हैं. उन्होंने बताया कि उसी में से एक युवा वैज्ञानिक मानव रहित सोलर मशीन गन का इजाद किया है जो कि हमारे देश के सैनिकों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. इस वैज्ञानिक ने ऐसे कई अन्य समान बनाएं, जो सेना के लिए आने वाले समय में कारगर सिद्ध हो सकते हैं.