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पहाड़ों पर बर्फबारी, ठिठुर रहे मैदान, सैलानियों के चेहरे खिले, स्‍कूल बंद

हिमाचल प्रदेश हो या जम्‍मू-कश्‍मीर या फिर उत्‍तराखंड. जहां पहाड़ों की चोटियां बर्फ की चादर से लिपटी हैं वहीं मैदानी इलाकों में ठंड ने दस्‍तक दे दी है.

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Drigraj Madheshia
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पहाड़ों पर बर्फबारी, ठिठुर रहे मैदान, सैलानियों के चेहरे खिले, स्‍कूल बंद

कुफरी में बर्फबारी का आनंद लेते सैलानी( Photo Credit : पीटीआई)

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हिमाचल प्रदेश हो या जम्‍मू-कश्‍मीर या फिर उत्‍तराखंड. जहां पहाड़ों की चोटियां बर्फ की चादर से लिपटी हैं वहीं मैदानी इलाकों में ठंड ने दस्‍तक दे दी है. हिल स्‍टेशनों पर गए सैलानियों के लिए जहां बर्फबारी रोमांचित कर रही है तो वहीं कई जगहों पर आफत बनकर आई है. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में गुरुवार को स्कूल बंद कर दिए गए हैं. शिमला के पुलिस अधीक्षक ओमपति जामवाल ने कहा कि कुफरी, नारकंडा और खड़ापत्थर में सारी रात हिमपात होने के कारण चीनी बंगला रोड को बंद कर दिया गया है, हालाँकि मुख्य सड़कें आवागमन के लिए खुली हैं.

शिमला मौसम केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्य के अधिकतर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हुयी. उन्होंने बताया कि गोंदला में 31 मिमी बर्फबारी हुई और राज्य में सर्वाधिक 45 मिमी बारिश हुई. न्यूनतम तापमान एक से दो डिग्री तक कम हो गया. लाहौल स्पीति जिले के प्रशासनिक केंद्र केलोंग का तापमान शून्य से 3.5 डिग्री नीचे रहा जो कि राज्य में सबसे ठंडा क्षेत्र रहा. सिंह ने कहा कि पर्यटक स्थलों डलहौज़ी, मनाली और शिमला का तापमान क्रमशः 0.8, 1 और 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 

वहीं उत्‍तराखंड में गुरुवार को भी बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि के कारण कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. चारधाम की वादियां बर्फ के आगोश में हैं. औली में भी भारी बर्फबारी हो रही है. मौसम में आए इस बदलाव के कारण उत्तराखंड के सभी इलाके ठंड की चपेट में आ गए हैं. देहरादून में गुरुवार तड़के से बारिश जारी है.

केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब बर्फ से ढक गए हैं. मसूरी में बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. नैनीताल में बारिश और ओलावृष्टि ने ठंड बढ़ा दी है. पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में भी भारी बर्फबारी हुई.

वहीं हरियाणा के जींद में दो दिन से हो रही बेमौसम वर्षा किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. बारिश के बाद अब गेहूं की बुवाई देरी से होगी तो कुछ दिन पहले जिन किसानों ने गेहूं की बिजाई की थी उनको भी दोबारा बुवाई करने से आर्थिक नुकसान होगा. कपास की चुगाई का कार्य भी बारिश के बाद अब कुछ देरी से होगा. इन दिनों गेहूं की बुवाई को लेकर किसान खेत को तैयार कर रहे थे लेकिन बारिश के बाद अब किसानों को कुछ दिन रूकना पड़ेगा. जानकारों का कहना है कि इन दिनों किसान गेहूं की बुवाई कर रहे है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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