फर्जी डिग्री मामले में स्मृति ईरानी को राहत, कोर्ट ने समन करने वाली याचिका की खारिज
पटियाला हाउस कोर्ट ने फर्जी डिग्री विवाद मामले में स्मृति ईरानी को समन करने वाली याचिका खारिज कर दी।
नई दिल्ली:
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को फर्जी डिग्री विवाद मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में स्मृति ईरानी को समन करने वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत के आदेश पर भारतीय चुनाव आयोग में ईरानी की शिक्षा से जुड़े दस्तावेज जमा कर दिए थे।
दरअसल चुनाव से पहले स्मृति ईरानी ने तीन बार पढ़ाई संबंधी हलफ़नामा दायर की थी लेकिन उनपर आरोप है की तीनो बार जो जानकारी दी गयी वो अलग अलग है। 2004 के चुनाव के दौरान दिए हलफनामे के मुताबिक 1993 में बारहवीं करने के बाद स्मृति ईरानी ने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉरेसपॉन्डेंस में बीए किया।
2011 में राज्यसभा चुनाव में दिए हलफ़नामे के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉरेसपॉन्डेंस से 1994 में बी कॉम पार्ट 1 बताया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में दिए हलफनामे में स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग कॉरेसपॉन्डेंस से 1994 में बी कॉम फर्स्ट ईयर बताया है।
इस मामले में स्मृति ईरानी के वक़ील का कहना है कि 2011 और 2014 का हलफनामा एक ही है, इसलिए डिग्री का विवाद ही गलत है।
याचिका ख़ारिज़ करने के पीछे कोर्ट का तर्क
ये अर्जी दाखिल नहीं की जाती अगर आरोपी केंद्रीय मंत्री नहीं होतीं।
ऐसा लगता है कि याचिका आरोपी यानी कि स्मृति ईरानी को परेशान करने के लिए किया गया है।
कंपलेन फ़ाइल करने में 11 साल लग गया, जो एक लम्बा समय अन्तराल होता है।
इतने लंबे समय में ओरिजनल सबूत खत्म हो चुके हैं और जो दूसरे सबूत पेश किए गए हैं वो कोर्ट की सुनवाई के लिए काफी नहीं हैं।
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