फेसबुक फोटो
लेफ्टिनेंट स्वाति महादिक और निधि दुबे शनिवार को इंडियन आर्मी में सैन्य अधिकारी के तौर पर शामिल हुईं। लेफ्टिनेंट ने साहस और दृढ़ संकल्प का अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए शनिवार को 11 महीनों का कठिन प्रशिक्षण हासिल करने के बाद सेना में अधिकारी के तौर पर शामिल हो गयीं।
दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्नल महादिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। 38 साल की स्वाति महादिक दो बच्चों की मां हैं और आर्मी आर्डिनेंस कोर ने उन्हें सेना में अधिकारी के रूप में शामिल किया।
उनके पति कर्नल महादिक को वीरता के लिए सेना मेडल दिया गया था। उनकी नवंबर, 2015 को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान में मौत हो गयी थी। कर्नल महादिक सेना के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के अधिकारी थे और उनके सहर्किमयों के अनुसार वह हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करने के लिए जाने जाते थे।
स्वाति अपने पति के पदचिह्नों का पालन करते हुए पिछले साल अक्तूबर में सेना के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) का हिस्सा बनी थीं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम सार्वजनिक ना करने के अनुरोध के साथ कहा, 'चेन्नई में ओटीए में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद स्वाति महादिक को आज अधिकारी के तौर पर सेना में शामिल कर लिया गया।'
उन्होंने बताया कि स्वाति पुणे में आर्मी आर्डिंनेंस कोर का हिस्सा होंगी। स्वाति को सेना में ऑफिसर बनने के लिए एसएसबी की कठिन परीक्षा पास करनी पड़ी। उनके जज्बे को देखते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ने उन्हें उम्र में छूट दी थी ताकि वो एसएसबी की परीक्षा में बैठ सकें।
Nidhi, wife of late Naik Mukesh Dubey inducted into Army; in-laws abandoned her during pregnancy post husband's death due to cardiac arrest pic.twitter.com/omIaklrGKc
— ANI (@ANI) September 9, 2017
Initially faced problems due to my age, now after training can do everything that others can: Lt Nidhi Dubey wife of slain Naik Mukesh Dubey pic.twitter.com/U2vZQW4ywp
— ANI (@ANI) September 9, 2017
निधि दुबे नाम की एक और महिला ने भी शनिवार को ही अधिकारी के तौर पर सेना में शामिल हुईं। निधि ने अपने पति को खो दिया जो सेना में नायक थे। पति की मौत के दौरान निधि गर्भवती थीं। पति नायक मुकेश दूबे के गुजरने के बाद उनकी जिंदगी मुश्किल हो गई। ससुराल वालों ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया। लेकिन निधि ने हिम्मत नहीं हारी। अपनी मेहनत और लगन के बल पर वो आर्मी में ऑफिसर बनीं।
निधि कहती हैं कि पहले उम्र की वजह से उन्हें परेशानियां होती थीं, लेकिन अब ट्रेनिंग के बाद वो हर वो काम कर सकती हैं जो दूसरा कैडेट कर सकता है।