सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व नौकरशाह, अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले को दी चुनौती

पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक और सेवानिवृत्त मेजर जनरल अशोक मेहता ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को निरस्त करने को चुनौती दी है

पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक और सेवानिवृत्त मेजर जनरल अशोक मेहता ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को निरस्त करने को चुनौती दी है

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व नौकरशाह, अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले को दी चुनौती

six petitioners have moved the Supreme Court challenging the J&K;

पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक और सेवानिवृत्त मेजर जनरल अशोक मेहता सहित 6 याचिकाकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और धारा 370 को निरस्त करने को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इससे पहले भी यह केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. जहां सरकार इसे अपनी बड़ी जीत बता रही है. वहीं कई लोग ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में इस केस पर सुनवाई चल रही है.

Advertisment

यह भी पढ़ें - अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी सैनिक ने अपने ही देश को किया 'शर्मसार', देखें Video

अनुच्‍छेद 370 को बेअसर करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को लेकर चीफ जस्‍टिस की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई थी. चीफ जस्‍टिस ने कहा, ये कैसी याचिका है. आपकी मांग क्या है, याचिका के समर्थन में दस्तावेज भी आपने जमा नहीं कराए. मैंने याचिका को आधे घंटे तक पढ़ा, लेकिन आप क्या कहना चाहते हैं, ये मैं समझ नहीं पाया. दूसरी ओर, जम्मू कश्मीर में मीडिया पर प्रतिबंध हटाने की मांग वाली अनुराधा भसीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा, सरकार वहां की स्थिति का लगातार आकलन कर रही है. वक्त के साथ प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं. कोर्ट ने अनुराधा भसीन को अभी इंतजार करने की बात कहते हुए याचिका को पेंडिंग रखा और कोई आदेश पास नहीं किया.

यह भी पढ़ें - AIIMS में लगी भयानक आग, फायर ब्रिगेड की 40 गाड़ियां आग बुझाने में जुटीं, सभी मरीज सुरक्षित

चीफ जस्‍टिस ने मनोहर लाल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, हम आपकी याचिका को खारिज कर सकते थे, पर अभी नही कर रहे क्योंकि इससे संबंधित अन्‍य याचिकाओं पर इसका असर पड़ेगा. इस पर याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने याचिका में संसोधन की इजाज़त मांगी. एमएल शर्मा ने कहा कि वो सही फॉर्म में याचिका इसलिए दाखिल नहीं कर पाए, क्‍याकि उनकी आंख में चोट लग गई थी. इस मामले में कैवियट दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता के वकील ने शर्मा पर जुर्माना लगाने की मांग की, लेकिन CJI ने जुर्माना नहीं लगाया.

Supreme Court jammu-kashmir kapil kak Article 370 Army officer
Advertisment