नोटबंदी के फैसले पर सरकार फिलहाल सदन में बैकफुट पर नज़र आ रही है। विपक्ष सरकार के फैसला लागू करने के तरीके पर सवाल खड़े कर रहा है। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आम आदमी भिखारी बन गया है, उनके पास 2000 के नोट हैं मगर कोई नहीं ले रहा।
उन्होंने कहा कि 86% लेनदेन 500 और 1000 के नोट में होता है। पैसे होने के बावज़ूद हम पार्किंग से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, ट्रक रास्तों पर खड़े हैं जिनमें खाने का सामान भरा है। हर जगह चेंज की समस्या है, लोग अपने परिवार का पेट नहीं भर पा रहे हैं और पीएम कहते हैं कि कार्ड से पे करो। क्यों मजाक कर रहे हैं?
येचुरी ने कहा कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगने वाली है, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की कॉर्पोरेट फंडिंग पर रोक लगानी होगी। उन्होंने कहा, सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग के माध्यम से सरकारी पैसों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
मुख्य बातें
- देश में 86 फीसदी करेंसी 500-1000 रुपये के नोटों के रूप में है।
- पूरा देश सिर्फ 14 फीसदी चालू करेंसी के भरोसे चल रहा है।
- कैश के रूप में कालाधन केवल 6 फीसदी है।
- अधिकतम कालाधन अन्य माध्यमों के जरिए इधर-उधर होता है।
- नोटबंदी से आतंकवाद की फंडिंग नहीं रुकने वाली।
- आतंकवादी पीठ पर नोटों का थैला टांगकर नहीं चलते।
- उनकी पूरी फंडिंग इलेक्ट्रॉनिक ट्रांस्फर के जरिए होती है।
ज़ाहिर है प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले से आम लोगों की परेशानी बढ़ी है। पिछले कई दिनों से लोग एटीएम और बैंक के बाहर घंटो कतार में खड़े रहने को मजबूर हैं और अगर किन्हीं के पास पैसे हैं भी तो उन्हें चेंज नहीं मिल रहा।
अब विपक्षियों को बैठे बिठाये अगर मुद्दा मिला है तो फिर वो बोलेंगे ही।
HIGHLIGHTS
- नोटबंदी से आतंकवाद की फंडिंग नहीं रुकने वाली।
- आतंकवादी पीठ पर नोटों का थैला टांगकर नहीं चलते।
- उनकी पूरी फंडिंग इलेक्ट्रॉनिक ट्रांस्फर के जरिए होती है।
Source : News Nation Bureau