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कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चीन ने दिखाई नरमी, कहा- भारत से वैकल्पिक मार्ग पर बातचीत को तैयार

चीन ने कहा है कि जो तीर्थ यात्री नाथुला पास से होकर कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं उनके लिए वैकल्पिक रास्ता पर विचार किया जा सकता है।

Updated on: 06 Jul 2017, 12:33 AM

highlights

  • चीन ने कहा, कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए वैकल्पिक रास्ता पर विचार किया जा सकता है
  • चीन ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा भारत-चीन के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक जरिया है
  • सिक्किम के डाकोला में भारत-चीन के बीच है विवाद, युद्ध की चेतावनी दे चुका है चीनी मीडिया

नई दिल्ली:

सिक्किम के डाकोला में सीमा विवाद के बीच चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर नरमी दिखाई है। चीन ने कहा है कि जो तीर्थ यात्री नाथुला पास से होकर कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं उनके लिए वैकल्पिक रास्ता पर विचार किया जा सकता है।

चीन ने कहा कि इसकी जानकारी कूटनीतिक माध्यम से भारत को दे दी गई है।

नई दिल्ली में चीनी दूतावास के प्रवक्ता झी लियान ने कहा, 'लिपूलेकू पास के जरिए आधिकारिक यात्रा और लहासा व पुरंग के जरिए गैर आधिकारिक यात्रा की योजना पर बात चल रही है।'

उन्होंने भारत पर आरोप भी लगाये। उन्होंने कहा, 'इस साल दोनों देशों के बीच 350 यात्रियों को 7 जत्थों में नाथुला के रास्ते यात्रा पर भेजने की सहमति बनी थी। हालांकि यात्रियों के रवाना होने से पहले ही भारतीय जवानों ने चीन सीमा में घुसपैठ की। ऐसे में भारतीय यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर चीन को यह यात्रा रोकनी पड़ी।'

उन्होंने कहा कि भारत से होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा भारत-चीन के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक जरिया है। झी लियान ने कहा कि चीन हमेशा भारतीयों के धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है और उनकी तीर्थयात्रा को महत्व भी देता है।

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सीमा पर भारत-चीन के सैनिकों का आमना-सामना होने की प्रतिक्रिया में चीन ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के जत्थे को यात्रा जारी रखने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। तीर्थयात्री नाथुला दर्रा से होते हुए मानसरोवर जाने वाले थे।

आपको बता दें की चीन सीमा पर विवाद के बाद से लगातार भारत को उकसा रहा है। चीनी मीडिया भारत को युद्ध तक की धमकी दे चुका है। हालांकि भारत ने कहा कि इस मुद्दे का समाधान कूटनीतिक माध्यम से किया जाना चाहिए, जो हम चाहते हैं। चीन को अपने पहले की जगह (सीमा पर) पर बने रहना चाहिए।

रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने बुधवार को कहा कि चीन भूटान के क्षेत्र में दाखिल हो रहा है..उन्हें भूटान के क्षेत्र में नहीं घुसना चाहिए। सुरक्षा को लेकर यही हमारी चिंता और हमारा रुख है। मंत्री ने कहा कि भूटान पहले ही कह चुका है कि चीन उसके क्षेत्र में घुस रहा है।

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