अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब में ईसाई धर्म के बढ़ते प्रभाव और मादक द्रव्यों के सेवन में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को अकाल तख्त के मंच से ऑपरेशन ब्लूस्टार की 38वीं वर्षगांठ के अवसर पर सिख समुदाय को अपने प्रथागत संबोधन के दौरान कहा कि हर सिख को आधुनिक हथियार का उपयोग सीखना चाहिए।
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी से पहले शहर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ने कहा कि सिखों को सुरक्षा की जरूरत नहीं है।
खालिस्तान समर्थक नारों के बीच जत्थेदार ने कहा, हमें हथियारों में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए शूटिंग रेंज स्थापित करने पर ध्यान देना चाहिए। अन्य लोग अवैध रूप से हथियारों का प्रशिक्षण ले रहे हैं। सिख संगठनों के लिए भी सिख धर्म का प्रचार करने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि (भारत-पाकिस्तान) सीमावर्ती इलाकों के गांवों में ईसाई धर्म में धर्मातरण और चर्चो की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
चार जून से शुरू हुए भोग समारोह में शामिल होने के लिए हजारों श्रद्धालु सुबह-सुबह सिख धर्म की सर्वोच्च स्थल अकाल तख्त पर उमड़ पड़े।
स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर से भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए सेना द्वारा जून 1984 में किए गए ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर प्रार्थना की गई थी।
अकाल तख्त जत्थेदार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अधिकारियों ने ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को सम्मानित किया।
स्वर्ण मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों पर पुलिस द्वारा भारी बैरिकेडिंग की गई थी।
आयोजन के दौरान स्वर्ण मंदिर (श्री हरमंदिर साहिब) के अंदर जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर और खालिस्तानी झंडे देखे गए।
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग बैनर और तख्तियां लिए हुए थे जिसपर खालिस्तान जिंदाबाद लिखा था। वे खालिस्तान समर्थक नारे लगा रहे थे।
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Source : IANS