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कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने राज्य के लिए अलग झंडे की मांग उठाई है। इसके लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 9 सदस्यों की कमेटी गठित की है। जो झंडे के डिजाइन और उसे कानूनी मान्यता दिलाने का काम करेगी।
सरकार के 6 जून को दिए आदेश में कन्नड़ और कल्चर डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव को कमेटी का अध्यक्ष बनाया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अलग झंडे की मांग की पुष्टि करते हुए कहा, 'क्या संविधान में इस तरह का कोई प्रावधान है, जो राज्यों को अपना झंडा चुनने से रोक सकता है?'
साथ ही उन्होंने कहा, 'इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है। अगर बीजेपी इसका विरोध करती है। तो क्या वह खुलकर कह सकती है कि वह राज्य के अलग झंडे के खिलाफ है?'
It has nothing to do with elections. If BJP is opposed to it then can they say openly that they are against a state flag?: CM Siddaramaiah pic.twitter.com/s2fYaQEq7H
— ANI (@ANI_news) July 18, 2017
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने सरकार के फैसले का विरोध किया है। गौड़ा ने कहा, 'भारत एक देश है और देश में दो झंडे नहीं हो सकते हैं।'
आपको बता दें की जम्मू-कश्मीर ही ऐसा राज्य है जहां तीरंगे से अलग उसका अपना झंडा है। जम्मू-कश्मीर को संविधान की धारा-370 के तहत स्पेशल स्टेट्स दिया गया है।
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साल 2012 में भी कर्नाटक के लिए अलग झंडा की मांग उठी थी, लेकिन तत्कालीन बीजेपी सरकार ने विरोध किया था। बीजेपी ने कहा था कि यह कदम 'देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।'
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HIGHLIGHTS
- कर्नाटक सरकार ने राज्य के अलग झंडे के लिए बनाई 9 सदस्यों की कमेटी
- बीजेपी ने किया विरोध, कहा- भारत एक देश है और देश में दो झंडे नहीं हो सकते हैं
- सीएम सिद्धारमैया ने कहा, क्या संविधान में इस तरह का कोई प्रावधान है जो राज्यों को अपना झंडा चुनने से रोक सकता है?
Source : News Nation Bureau