सियाचिन में एक बार फिर हिमस्खलन, बर्फ के नीचे दबने से सेना के 2 जवान शहीद
दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र कहे जाने वाले सियाचिन में एक बार फिर से हिमस्खलन की घटना हुई. जिसमें भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए.
नई दिल्ली:
दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र कहे जाने वाले सियाचिन में एक बार फिर से हिमस्खलन की घटना हुई. जिसमें भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए. दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में शनिवार को जब भारतीय सेना के जवान पेट्रोलिंग कर रहे थे उसी वक्त बर्फीला तूफान आया. जिसकी चपेट में जवान आ गए. आर्मी की ऐवलांच रेस्क्यू टीम (एआरटी) को मौके पर भेजा गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया.
Indian Army:Army patrol operating at approx 18,000 ft in Southern Siachen Glacier was hit by avalanche,during early hours today.Avalanche Rescue Team rushed&managed to locate&pull out the patrol team. Helicopters helped to evacuate victims. 2 Army personnel succumbed in avalanche
— ANI (@ANI) November 30, 2019
आर्मी की ऐवलांच रेस्क्यू टीम (एआरटी) को मौके पर भेजा गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. रेस्क्यू टीम ने बर्फ में दबे सभी जवानों को बाहर निकाला. सेना के हेलिकॉप्टर्स की मदद से उन्हें सुरक्षित जगह पर ले जाया गया. पूरी कोशिश के बावजूद दो जवानों को बचाया नहीं जा सका और वो शहीद हो गए.
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श्रीनगर में एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सेना का गश्ती दल दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फुट की ऊंचाई पर गश्त कर रहा था जब शनिवार तड़के दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया. उन्होंने बताया कि एक हिमस्खलन बचाव दल (एआरटी) तुरंत वहां पहुंचा और टीम के सभी सदस्यों का पता लगाने और उन्हें बाहर निकालने में कामयाब रहा. दल के साथ ही जवानों को बचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की भी सेवाएं ली गई. रक्षा प्रवक्ता ने बताया, ‘हालांकि, चिकित्सा टीमों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, सेना के दो कर्मियों की जान चली गई.’
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बता दें कि इससे पहले 19 नवंबर को भी हिमस्खलन की घटना हुई थी. इसमें भारतीय सेना के 8 जवान फंस गए थे. तुरंत रेस्क्यू टीम ने 8 जवानों को बाहर निकाला. हेलिकॉप्टर की मदद से उन्हें सैन्य अस्पताल लगाया गया. गंभीर हालत में सेना की टीमों ने इन जवानों का इलाज शुरू किया. लेकिन 4 जवानों की हालत ज्यादा खराब हो गई. वे शहीद हो गए. इसके अलावा दो पोर्टरों की भी मौत हो गई.
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