पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से श्री हरमंदिर साहिब से पवित्र गुरबानी के प्रसारण पर बादल परिवार का काधिकार खत्म करने के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम-1925 में प्रस्तावित संशोधन पर अपनी सहमति देने का आग्रह किया।
राज्यपाल को लिखे पत्र में भगवंत मान ने कहा कि एक राजनीतिक परिवार के स्वामित्व वाले एक विशेष चैनल ने श्री हरमंदिर साहिब से सरब सांझी गुरबानी के प्रसारण पर एकाधिकार कर लिया है। इससे चैनल मुनाफा भी कमा रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पवित्र गुरुओं की शिक्षाओं का प्रचार करने और श्री हरमंदिर साहिब से सरब सांझी गुरबानी का प्रसारण सभी सिख गुरुद्वारों के लिए निःशुल्क उपलब्ध सुनिश्चित करने के लिए (संशोधन) विधेयक, 2023 विधानसभा में पेश किया गया था।
उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में धारा 125-ए जोड़ी गई थी। इसे भारी बहुमत से राज्य विधानसभा ने पारित किया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि विधेयक 26 जून को राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया। लेकिन, आज तक उस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का गला घोंटना है।
भगवंत मान ने राज्यपाल को बताया कि उक्त चैनल के साथ एसजीपीसी का समझौता 23 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। राज्यपाल ने विधेयक को तुरंत मंजूरी नहीं दी तो ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहां दुनिया भर में लाखों श्रद्धालु फिर से श्री हरमंदिर साहिब से पवित्र गुरबानी का सीधा प्रसारण देखने से वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इससे दुनियाभर के सिखों की धार्मिक भावनाएं गंभीर रूप से आहत होंगी। भगवंत मान ने राज्यपाल से विधेयक पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर करने का आग्रह किया है, जिससे श्री हरमंदिर साहिब से सरब सांझी गुरबाणी का प्रसारण विभिन्न चैनलों के माध्यम से सभी के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जा सके।
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Source : IANS