नोटबंदी के बाद भारत और पाकिस्तान की कूटनीति को भी झटका लगा है। नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों ने भारतीय बैंक से डॉलर में मिलने वाली अपनी सैलरी लेने से मना कर दिया है।
वहीं इस्लामाबाद ने नई दिल्ली से इस मामले में कड़ा ऐतराज जताते हुए धमकी दी है कि अगर दिल्ली में उसके कर्मचारियों को वेतन मिलने में परेशानी हुई तो इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों को भी वेतन मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
राजनयिक अपनी टैक्सफ्री सैलरी को डॉलर में निकाल सकते हैं। भारत में अगर कोई डिप्टोमैट 5 हजार अमेरिकी डॉलर तक निकालता है तो उसे इसके लिए किसी कागजात की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन नोटबंदी की वजह से डॉलर्स की डिमांड में आई तेजी के कारण अब डॉलर कि किल्लत महसूस होने लगी है।
पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों का वेतन आरबीएल बैंक में है। बैंक अब राजनयिकों से डॉलर निकाले जाने पर 'लेटर्स ऑफ परपज' मांगने लगा है। बैंक ने अब 5 हजार डॉलर से भी कम रकम निकाले जाने पर रकम निकाले जाने के मकसद के बारे में पूछने लगे हैं।
बैंक के इस फैसले को लेकर पाकिस्तानी राजनयिकों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। पाक ने कहा है कि अगर भारत में उसके कर्मचारियों को डॉलर में सैलरी निकालने पर किसी तरह की पाबंदी वियना प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा। वहीं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि भारत इस समस्या को हल करने के लिए पाकिस्तान की संबंधित एजेंसियों से बातचीत कर रहा है।
HIGHLIGHTS
- नोटबंदी के बाद भारत और पाकिस्तान की कूटनीति को भी झटका लगा है
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों ने भारतीय बैंक से डॉलर में मिलने वाली अपनी सैलरी लेने से मना कर दिया है
Source : News Nation Bureau