शोपियां फायरिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मेजर आदित्य कुमार को बड़ी राहत देते हुए उनकी अंतिरम सुरक्षा को 21 अगस्त तक बढ़ा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि 21 अगस्त तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मामला संविधान खंडपीठ को भेजा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मेजर के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर व जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि वह मामले में अंतिम बहस पर 30 जुलाई को सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि मेजर आदित्य कुमार के पिता कर्मवीर सिंह ने एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इसी मुद्दे पर एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई थी।
और पढ़ें: महिलाओं के खतना को गैर-जमानती अपराध बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील, देश भर में बैन लगाने की मांग, कल भी जारी रहेगी सुनवाई
इस केस में जम्मू-कश्मीर सरकार ने कोर्ट में कहा था कि मेजर आदित्य से जुड़े शोपियां मामले में जांच न्यायसंगत है और प्राथमिकी के खिलाफ याचिका दाखिल नहीं की जा सकती।
आपको बता दें कि शोपियां जिले में पथराव करने वाली भीड़ को सेना द्वारा तितर-बितर करने के दौरान 3 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च को मामले में जांच करने से रोक दिया था।
इस मामले पर केंद्र सरकार ने कहा कि सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा) के धारा 7 के तहत राज्य सरकार कि तंग इलाके में सेवा दे रहे सेनाकर्मियों के महज शिकायत पर मामला नहीं दर्ज कर सकती है। इसके लिए केंद्र की अनुमति लेना जरूरी है।
इसके बाद, राज्य पुलिस ने मेजर और 10 गढ़वाल राइफल्स की सेना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।
और पढ़ेंः कर्नाटक: किसानों के 49,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी का आदेश जल्द होगा पारित
Source : News Nation Bureau