पाकिस्तान के सिंध में कथित रूप से रमजान अध्यादेश का उल्लंघन कर खाना खाने के आरोप में हिंदू दुकानदारों को प्रताड़ित करने, परेशान करने, मारपीट करने और गिरफ्तार करने के बाद एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में खानपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ काबिल भायो को घोटकी जिले में हाथ में एक छड़ी के साथ घूमते हुए देखा जा सकता है, जिसका उपयोग उसने हिंदू पुरुषों सहित दुकानदारों को पीटने के लिए किया। ये लोग स्थानीय बाजार में कथित तौर पर डिलीवरी ऑर्डर पूरा करने के लिए बिरयानी तैयार कर रहे थे।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति ने कहा, मैं कसम खाता हूं कि मैं हिंदू समुदाय से हूं और ग्राहक यहां आकर खाना ले जाते हैं। हम रमजान के दौरान घर के अंदर भोजन सेवा नहीं चलाते।
हालांकि, एसएचओ ने सार्वजनिक रूप से हिंदू रेस्तरां के मालिक को अपनी पवित्र पुस्तक की शपथ लेने के लिए मजबूर किया। अधिकारी ने एक दर्जन से अधिक लोगों पर शारीरिक हमला करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।
वीडियो वायरल होने के बाद सिंध मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने इसका संज्ञान लिया और पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सुक्कुर के डीआईजी और घोटकी के एसएसपी को पत्र लिखा।
एसएचआरसी द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है, यह अधिनियम उनके धर्म और विश्वासों की परवाह किए बिना नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन है और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 20 के खिलाफ है, जो धार्मिक संस्थानों को मानने और प्रबंधित करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
इसमें कहा गया है कि एसएचओ का व्यवहार अल्पसंख्यक अधिकारों पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश तसादुक हुसैन जिलानी द्वारा 19 जून, 2014 को जारी किए गए ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ था।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह ध्यान देने योग्य है कि रमजान अध्यादेश में कहा गया है कि केवल इस्लाम के सिद्धांतों के तहत उपवास करने वाले लोगों को रमजान के महीने में उपवास के घंटों के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर खाने, पीने और धूम्रपान करना मना है।
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Source : IANS