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बीजेपी पर शिवसेना ने चलाए तीखे तीर, पूछा- एनडीए से निकालने वाले तुम कौन?

शिवसेना ने हिंदुत्व को लेकर बीजेपी पर तंज कसे हैं. 'सामना' में लिखा है- 'शिवसेना तब से हिंदुत्व का समर्थन कर रही है, जब किसी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया भी नहीं था.

Updated on: 19 Nov 2019, 11:41 AM

highlights

  • सामना में संपादकीय लिखकर शिवसेना ने बीजेपी से पूछे तीखे सवाल.
  • पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी की आड़ में बीजेपी पर कसा तंज.
  • शिवसेना ने चुनौती देते हुए कहा राज्य में बीजेपी की राह नहीं होगी आसान.

New Delhi:

कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में सत्ता की चाहत रखने वाली शिवसेना को उम्मीद नहीं थी कि उसे संसद में विपक्ष की कुर्सी पर भी बैठना पड़ सकता है. संभवतः महाराष्ट्र में सरकार बनाने में हो रही देरी और एनडीए के घटक दल बतौर बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर अब शिवसेना बीजेपी पर हमलावर है और सामना में संपादकीय लिखकर बीजेपी से सवाल पूछ रही है कि उसे एनडीए से निकालने वाली बीजेपी कौन होती है? शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना के मंगलवार के संपादकीय में कई सवाल खड़े किए हैं.

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'हिंदुत्व का मुद्दा'
शिवसेना ने हिंदुत्व को लेकर बीजेपी पर तंज कसे हैं. 'सामना' में लिखा है- 'शिवसेना तब से हिंदुत्व का समर्थन कर रही है, जब किसी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया भी नहीं था. शिवसेना तब से हिंदुत्व को मजबूत करने का काम कर रही है, जब आपमें से ज्यादातर पैदा ही नहीं हुए थे. एक वक्त था, जब भारतीय जनता पार्टी के बगल में भी कोई खड़ा नहीं होना चाहता था. हिंदुत्व व राष्ट्रवाद जैसे शब्दों को देश की राजनीति में कोई पूछता भी नहीं था. तब और उसके पहले भी जनसंघ के दीये में शिवसेना ने तेल डाला है.'

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'पीठ पर वार'
सामना में लिखा है, 'कुछ इतिहासकारों के अनुसार हिंदुस्तान में मुगल सत्ता के संस्थापक कहे जाने वाले मोहम्मद गोरी और उस समय के पराक्रमी हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान के बीच लगभग 18 छोटे-बड़े युद्ध हुए थे. उसमें से 17 युद्धों में गोरी हार गया था. हर बार पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को जीवनदान देकर छोड़ दिया. भविष्य में यही गलती उन्हें भारी पड़ी. आखिरी लड़ाई में बड़ी तैयारी से आए मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हरा दिया. बार-बार जीवनदान को भूलकर गोरी ने कृतघ्नता की. पृथ्वीराज चौहान को गिरफ्तार कर उन्हें प्रताड़नाएं दीं. महाराष्ट्र में भी ऐसे विश्वासघाती और कृतघ्न प्रवृत्ति को हमने कई बार जीवनदान दिया. आज यही प्रवृत्ति शिवसेना की पीठ पर वार करने का प्रयास कर रही है. हालांकि शिवराय के महाराष्ट्र की पीठ में खंजर घोंपनेवालों को आसानी से छोड़ा नहीं जाएगा.'

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'एनडीए से बाहर करने का आरोप'
'सामना' के संपादकीय में बीजेपी पर बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि के मौके पर शिवसेना को एनडीए से बाहर करने का आरोप भी लगाया गया है. संपादकीय में लिखा गया, 'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से शिवसेना को बाहर निकालने की बात करने वालों को एक बार इतिहास समझ लेना चाहिए. अगर आपको लगता है कि शिवसेना एनडीए के खिलाफ हो गई है, तो आप इसे एनडीए की बैठकों में क्यों नहीं उठाते? शिवसेना को एनडीए से निकालने वाले आप होते कौन हैं? क्या जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी के साथ गठबंधन करने से पहले बीजेपी ने एनडीए की मंजूरी ली थी? क्या बिहार में नीतीश कुमार के साथ जोड़ी बनाने से पहले एनडीए के दलों से पूछा गया था? ये अहंकारी और मनमानी राजनीति के अंत की शुरुआत है.'

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बीजेपी को दी खुली चुनौती
शिवसेना ने अपने संपादकीय में बीजेपी को खुली चुनौती देते हुए लिखा कि महाराष्ट्र शिवाजी महाराज और संभाजी राजा का था, है और रहेगा. महाराष्ट्र के कोने-कोने में एक ही आवाज गूंजेगी- 'शिवसेना जिंदाबाद'. किसी में हिम्मत हो, तो उसका सामना करने के लिए हम तैयार हैं.'