J&K में परिसीमन पर शिवसेना ने की अमित शाह की तारीफ, कहा- अगला मुख्यमंत्री...
शिवसेना ने सामना में लिखा है कि 'फिलहाल कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है. अमरनाथ यात्रा शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर में चुानव कराने के लिए माहौल बनता दिखाई दे रहा है.'
highlights
- अमित शाह के परिसीमन के फैसले पर शिवसेना ने की तारीफ
- कहा-पाकिस्तान को ये बताया बहुत जरूरी है कि जम्मू-कश्मीर केवल भारत का हिस्सा है
- अमित शाह जल्द कर सकते हैं परिसीमन आयोग का गठन
नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन को लेकर शिवसेना (Shivsena) ने गृहमंत्रि अमित शाह (Amit Shah) की तारीफ की है. दरअसल सूत्रों के हवाले से खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन आयोग का गठन कर सकते हैं. ऐसे में शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना में सरकार के इस कदम की तारीफ करते हुए कहा है कि 'सरकार के परिसीमन के इस फैसले से अमित शाह का इरादा साफ है. जम्मू कश्मीर के मुसलमानों पर भी देश का कायदा कानून लागू करना जरूरी है.' शिवसेना की मानें तो केंद्र सरकार का ये फैसला बहुत अच्छा है.
इसके साथ ही शिवसेना ने कहा कि 'पाकिस्तान को ये बताया बहुत जरूरी है कि जम्मू-कश्मीर केवल भारत का हिस्सा है. कश्मीर में परिसीमन होने से अगला मुख्यमंत्री भी हिंदू होगा' मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक शिवसेना ने सामना में लिखा है कि 'फिलहाल कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है. अमरनाथ यात्रा शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर में चुानव कराने के लिए माहौल बनता दिखाई दे रहा है.' सामना में आगे कहा गया है कि 'जम्मू कश्मीर में परिसीमन को रोकने के लिए राज्य की लोकल पार्टियां केंद के सर पर बैठी हैं. परिसीमन करने से जनता में आक्रोश बढ़ जाएगा, हमेशा ये डर दिखाकर परीसिमन करने से रोका गया. इसी वजह से कांग्रेस सरकार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने भी हथियार डाल दिए थे, लेकिन अब देश की तस्वीर की बदल गई है और अमित शाह ने कश्मीर मसले को प्राथमिकता दी है.'
बता दें जिस रोज अमित शाह ने गृहमंत्री का काम संभाला था, उसी रोज़ उन्होंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ बैठक की थी और इसी बैठक ने बता दिया था कि नए नवनियुक्त गृहमंत्री की पहली चुनौती मिशन कश्मीर है. वहीं जम्मू कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है वह राज्यपाल को लिख चुके हैं कि राज्य में परिसीमन कराया जाए. इससे राज्य के तीनों क्षेत्रों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र के साथ न्याय होगा.
बहरहाल, अब इस परिसीमन की सियासत को सलीके से समझना होगा. जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 111 सीटें हैं. मगर जम्मू कश्मीर में सिर्फ 87 सीटों पर ही चुनाव होते हैं. जम्मू कश्मीर के संविधान के सेक्शन 47 के मुताबिक 24 सीटें खाली रखी जाती हैं. खाली की गईं 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर के लिए खाली छोड़ी गईं थीं. जानकारों की मानें तो इस गणित से बीजेपी को सीधा फायदा होगा.
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