शिवसेना ने कांग्रेस को दिया एक और झटका, नहीं शामिल होगी CAA की विरोध सभा में

शिवसेना ने एक बार फिर कांग्रेस को झटका देते हुए गुरुवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित विरोध-प्रदर्शन से किनारा कर लिया है.

शिवसेना ने एक बार फिर कांग्रेस को झटका देते हुए गुरुवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित विरोध-प्रदर्शन से किनारा कर लिया है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
शिवसेना ने कांग्रेस को दिया एक और झटका, नहीं शामिल होगी CAA की विरोध सभा में

सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में नहीं शामिल होगी शिवसेना.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

शिवसेना ने एक बार फिर कांग्रेस को झटका देते हुए गुरुवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित विरोध-प्रदर्शन से किनारा कर लिया है. इसके पहले नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में समर्थन कर शिवसेना ने कांग्रेस आलाकमान को तगड़ा झटका दिया था. वीर सावरकर के मसले पर पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ही आड़े हाथों लेते हुए उन्हें सावरकर पर किताबें गिफ्ट करने की वकालत कर दी थी. फिर शिवसेना ने राष्ट्रपति के पास गए प्रतिनिधिमंडल से दूरी बना ली. इस लिहाज से देखें तो कांग्रेस और शिवसेना के लिए कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर दोनों दो विपरीत ध्रुव पर खड़े हैं. इसके बावजूद उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस के समर्थन से सरकार चला रहे हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः CAA-NRC : शहर-शहर विरोध की लहर, कड़ाके की ठंड में राजनीति का तापमान हाई लेवल परLIVE UPDATES

नागरिकता संशोधन विधेयक पर कांग्रेस से अलग सुर
महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन से शिवसेना की सरकार बनने के वक्त ही राजनीतिक पंडितों ने आशंका जाहिर कर दी थी कि विचारधारा के मसले पर दो विपरीत ध्रुवों पर खड़े गठबंधन के सदस्य विरोधाभासी मसलों पर कैसे और क्या प्रतिक्रिया देते हैं. गठबंधन के बाद सबसे पहले आया नागरिकता संशोधन बिल, जिस पर शिवसेना ने लोकसभा में खुलकर विधेयक के समर्थन में मत किया. कांग्रेस आलाकमान की त्योरियां चढ़ते ही शिवसेना ने राज्यसभा में रणनीति बदली और ऐन मौके वॉकआउट कर सत्तारूढ़ दल के लिए रास्ता कुछ आसान कर दिया. इस तरह शिवसेना ने इस मसले पर दो मौकों पर कांग्रेस को झटका दिया.

यह भी पढ़ेंः IPL Auction 2020 : आईपीएल नीलामी आज, जो आप जानना चाहें वह सब यहां पढ़ें

राष्ट्रपति से मिलने गए विपक्ष के साथ नहीं
इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद से मिलने की योजना बनाई. मकसद नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सत्तारूढ़ दल के खिलाफ आवाज बुलंद करना था. जामिया की हिंसा के बीच राष्ट्रपति से मिलने गए कांग्रेस नीत विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल से शिवसेना ने ऐन मौके किनारा कर लिया. इस बाबत सवाल खड़े होने पर शिवसेना ने दो-टूक कहा कि उसके पास इसमें शामिल होने का कोई वाजिब कारण था ही नहीं. संजय राउत ने उलटे यही सवाल दाग दिया था कि शिवसेना आखिर क्यों कर शामिल होती? इसका जवाब देते हुए संजय राउत ने स्पष्ट कर दिया था कि शिवसेना ने सिर्फ महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाई है. वह कांग्रेस नीत यूपीए गठबंधन में शामिल नहीं हुई है. दिल्ली की राजनीति में शिवसेना का अपना अलग सुर है.

यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार के मुखर विरोधी इतिहासकार रामचंद्र गुहा और योगेंद्र यादव भी हिरासत में

वीर सावरकर के मसले पर शिवसेना की खरी-खरी
इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस की ओर से सीएए के खिलाफ कार्यक्रम में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीर सावरकर के खिलाफ बयान देकर परोक्ष रूप से महाराष्ट्र में सरकार के गठबंधन धर्म पर हमला बोला. इसका जवाब देने में शिवसेना ने देर नहीं लगाई. संजय राउत ने ट्वीट कर राहुल गांधी को ही आड़े हाथों ले लिया. उन्होंने सावरकर को राष्ट्रीय नेता बताते हुए दिल्ली में बैठे कांग्रेसी नेताओं को नसीहत तक दे डाली. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को सावरकर पर कुछ किताबें भेंट की जाएं ताकि वह अपना नजरिया बदल सके. इसके बाद अब शिवसेना ने मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में गुरुवार को आयोजित धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया है.

HIGHLIGHTS

  • आज मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में सीएए विरोधी कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी शिवसेना.
  • इसके पहले चार मौकों पर शिवसेना अपना चुकी है कांग्रेस से अलग चाल और सुर.
  • वीर सावरकर के मसले पर तो शिवसेना ने कांग्रेस के राहुल गांधी को सुनाई थी खरी-खरी.

Source : News Nation Bureau

caa ShivSena August kranti Maidan Not Participated
      
Advertisment