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कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाली बीजेपी को राहुल गांधी ने घर में घुसकर मारा: शिवसेना

पांच राज्यों के विधानसभा नतीजों के बाद से ही शिवसेना का बीजेपी पर लगातार हमला जारी है. इसी कड़ी में आज शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है

Updated on: 13 Dec 2018, 12:07 PM

नई दिल्ली:

पांच राज्यों के विधानसभा नतीजों के बाद से ही शिवसेना का बीजेपी पर लगातार हमला जारी है. इसी कड़ी में आज शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है. शिवसेना ने चुनाव में हार के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराया तो वही राहुल गांधी की जीत के लिए तारीफ की. सामना में लिखा गया है कि हार के बाद कहा जा रहा है कि स्थानीय नेतृत्व हार के लिए जिम्मेदार है लेकिन जिस तरह पूरा कैबिनेट लेकर प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में उतरे इसलिए हार की जिम्मेदारी भी प्रधानमंत्री की ही है. अगर प्रचार नहीं करते तो स्थानीय नेतृत्व जिम्मेदार होता. हार को नम्रता से स्वीकारा लेकिन उसमे भी अहंकार है ,प्रधानमंत्री ने राहुल का बड़ी जीत के लिए अभिनन्दन तक नहीं किया. इससे पहले हर राज्य में मोदी और शाह ने 40-40 सभाएं करके कांग्रेस और राहुल गांधी पर प्रहार किया. प्रधानमंत्री पद पर बैठा व्यक्ति कितने निचले स्तर पर जाकर बोल सकता है, इसका खयाल भी नहीं रखा गया.

इसके आगे अखबार में लिखा गया है कि मोदी शाह और हर बीजेपी नेता ने राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना यानि महात्मा गांधी का कांग्रेस बर्खास्तगी का सपना पूरा होने जैसी टिपण्णी की, कांग्रेस मुक्त हिंदुस्तान का नारा ,रोज कांग्रेस को श्रधांजलि दी जाती थी ऐसे सभी लोगो को राहुल गांधी ने उनके घर में घुस कर मारा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रचंड जीत को नम्रता से स्वीकार किया है. कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर आए राहुल गांधी को एक साल हो गया है और कल की जीत ने कांग्रेस को निराशा की गर्त से बाहर निकाल दिया है.

जो लोग कांग्रेस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नहीं थक रहे थे, वे सारे अचानक गूंगे-बहरे बन गए हैं. मोदी को विष्णु का अवतार बताया गया और अमित शाह को चाणक्य माना जाने लगा और कहा गया कि यह कभी नहीं हारेंगे लेकिम हमारे देश में 33 करोड़ देवता हैं और देवता भी एक-दूसरे से ‘सत्य धर्म’के लिए लड़ रहे थे.

पांच राज्यों में जो महाभारत हुआ, उसमे अन्याय और असत्य की हार हुई. गर्व हरण हुआ और अहंकार चूर हुआ. कांग्रेसी शासन में कुछ बातों की अति हुई थी. उस समय अंग्रेज इनसे बेहतर थे, ऐसी भावना लोगों में निर्माण हुई थी. अब कांग्रेस इनसे बेहतर है, ऐसा लोगों को लगने लगा है।


संसद में राहुल गांधी ने मोदी को आलिंगन किया था तब ‘यह क्या जबरदस्ती है?’ ऐसा भाव उनके चेहरे पर था. कौन राहुल गांधी? ऐसा उन्हें लगा। कौन गांधी, कौन बादल, कौन ठाकरे, कौन जनता? सब कुछ मैं और मैं ही हूं. इस मैं का पराभव शक्तिमान जनता ने किया. अब श्री राहुल गांधी ने नम्रता से जीत को स्वीकार किया है. बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का उन्होंने आभार जताया.

सामना में आगे लिखा गया है कि विकास में अस्त होते मुख्यमंत्रियों का भी हाथ है और उनका काम आगे लेकर जाएंगे, ऐसा उन्होंने घोषित किया है। मोदी तो पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का देश निर्माण में दिए गए योगदान को मानने को तैयार नहीं. बीजेपी निर्माण करनेवाले लालकृष्ण आडवाणी तथा अन्य कोई उन्हें मंजूर नहीं. ऐसा अहंकार सिर्फ महाभारत में दिखाई दिया था लेकिन उसका भी पराभव हुआ. राहुल गांधी ने नम्रता से कहा है, ‘हम बीजेपी को 2019 में भी हराएंगे मगर बीजेपी मुक्त हिन्दुस्तान का नारा नहीं देंगे।’

इतने तूफान में भी गांधी क्यों टिके और इतना घाव सहकर भी लोकतंत्र नष्ट क्यों नहीं हुआ? इसका जवाब इसी विनम्रता में है. हम कांग्रेस के घोर विरोधी हैं. गांधी परिवार पर हमने समय-समय पर कठोर प्रहार किया है. फिर भी अच्छे को अच्छा कहने की विनम्रता हममें है.