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मप्र में पुत्रियों को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति

मप्र में पुत्रियों को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति

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IANS
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Shivraj Singh

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की मृत्यु पर दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति में बड़ा बदलाव करने का शिवराज सरकार ने फैसला लिया है कि अब पुत्र के साथ पुत्रियों को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलेगा। भले ही पुत्री विवाहित ही क्यों न हो।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि स्वर्गीय आर. एस. राठौर, अपर संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी की कोरोना संक्रमण के कारण 19 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप उनकी विवाहित पुत्री श्रद्धा मालवी को पात्रता न होते हुए भी मानवीय आधार एवं उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर के निर्णय के अनुक्रम में विशेष प्रकरण मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाये।

सामान्य प्रशासन विभाग जारी अनुकंपा संबंधी आदेश 29 सितम्बर 2014 के प्रावधानों में मंत्रि-परिषद द्वारा यह नीतिगत निर्णय भी लिया गया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्र एवं पुत्री दोनों को समान अधिकार हैं, चाहे पुत्रियां विवाहित ही क्यों न हों। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग नीति में आवश्यक संशोधन करें।

मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री चौहान द्वारा की गई घोषणा के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए सुराज कॉलोनी में आवास निर्माण मय आवश्यक अधो-संरचना कार्यों तथा सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने का निर्णय लिया।

सुराज कालोनी निर्माण हेतु उचित वित्तीय संसाधन जुटाने तथा शहरी क्षेत्र के उक्त भूखंडों का सुसंगत एवं योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिए पुनर्घनत्वीकरण नीति-2022 की तर्ज पर शासकीय भूमियों के अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उपलब्ध हुई भूमि पर आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए आवास निर्माण हेतु सुराज नीति-2023 का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदन किया।

मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी विभाग में वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में 150 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति विशेषकर बैगा जनजाति को पशुपालन से जोड़ने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन करने एवं इसमें हितग्राहियों को दुधारू पशु प्रदाय करने के लिए मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम को पशुपालन विकास योजना में सम्मिलित किया गया था। इससे जहां इस वर्ग को रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही दूध के रूप में संपूर्ण पोषण आहार प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम में संशोधन किए गए हैं।

बताया गया है कि अब इस योजना में मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम में बैगा जनजाति के साथ सहरिया और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियों को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम में दुधारू गाय की इकाई के साथ दुधारू भैंस की इकाई को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम में दुधारू गाय के साथ दुधारू भैंस को भी सम्मिलित करने के परिप्रेक्ष्य में योजना का नाम ष्मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रमष् के स्थान पर विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम किया गया।

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में नसिर्ंग महाविद्यालयों एवं स्कूलों की बढ़ती संख्या तथा नसिर्ंग विद्यार्थियों की वृद्धि को देखते हुए मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल के दायित्वों के सुचारू संचालन के लिए 37 नवीन पद के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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