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मप्र के सभी संसाधनों पर जनजातियों का बराबर का हक - शिवराज

मप्र के सभी संसाधनों पर जनजातियों का बराबर का हक - शिवराज

Updated on: 31 Aug 2021, 09:45 PM

भोपाल 31 अगस्त:

मध्य प्रदेश की राजधानी में विमुक्त जाति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री निवास पर आयेाजित विमुक्त घुमक्कड़ तथा अर्धघुमक्कड़ जनजाति पंचायत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातियों का प्रदेश के सभी संसाधनों पर बराबर का अधिकार है। यह समुदाय विकास और उन्नति करे और प्रदेश की प्रगति में बराबर की भूमिका निभाए, इसके लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, जनजातियों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए सभी आवश्यक प्रयास किये जाएंगे। इस क्रम में इन जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए श्रमोदय विद्यालय, ग्रामोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालयों में सीटें आरक्षित की जाएंगी। छात्रावासों में भी इन विद्यार्थियों के लिए स्थान आरक्षित होगा। विमुक्त, घुमक्कड़ तथा अर्धघुमक्कड़ जनजातियों की परम्परा, संस्कृति और जीवन मूल्यों को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने जनजाति राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल, खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा, भाजपा संगठन मंत्री सुहास भगत की मौजूदगी में हुई पंचायत में कहा कि प्रदेश में प्रति वर्ष 31 अगस्त का दिन जनजातियों के विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेश में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ वर्ग के कल्याण के लिए 2011 में पृथक विभाग का गठन किया गया था। सालों तक विकास की मुख्य-धारा से कटी रही इन जनजातियों की पीड़ा को समझकर की गई इस पहल को विस्तार देते हुए अब जनजातियों के सम्पूर्ण कल्याण के लिए घुमंतु तथा अर्ध घुमंतु मंत्रालय बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कुछ ही दिनों में लगभग एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ होने वाली है। साथ ही स्वरोजगार योजनाओं के लिए युवाओं को बैंक से लोन सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। लोन का ब्याज राज्य सरकार द्वारा भरा जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विमुक्त, घुमक्कड़ तथा अर्ध घुमक्कड़ जनजाति के टोले- मजरे को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए सर्वे कराकर आवश्यक कार्यवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। हमारी कोशिश यह रहेगी कि इन समुदायों का कोई भी व्यक्ति बिना जमीन के नहीं रहे। प्रत्येक व्यक्ति को उपयुक्त स्थानों पर आवासीय पट्टे उपलब्ध कराये जाएंगे।

मुख्यमंत्री चैहान ने कहा कि इन जनजातियों के विकास और कल्याण की योजनाओं के जिला स्तर पर बेहतर संचालन और समीक्षा के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समिति गठित की जाएगी। साथ ही विमुक्त,घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जनजाति के प्रमाण-पत्र में मूल जाति का उल्लेख किया जाएगा।

सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान द्वारा वंचित, शोषित और पीड़ितों को मुख्यमंत्री निवास बुला कर उनकी समस्याएं सुनने के लिए पंचायत आयोजित करने के परिणाम स्वरूप प्रदेश का मुख्यमंत्री निवास गरीब कल्याण का केंद्र बन गया है।

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