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गीता में जेहाद, राहुल गांधी हैं राम, कांग्रेस को परेशान करते रहे हैं उनके नेताओं के ये बयान

सत्ता में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही कांग्रेस एक तरफ भारत जोड़ो यात्रा और चुनावी समीकरणों को आगे बढ़ा रही है, वहीं उसके नेता विवादित बयान देकर फायदे-नुकसान का समीकरण बिगाड़ रहे हैं. 

Updated on: 21 Oct 2022, 11:06 AM

नई दिल्ली :

मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों और सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति के बीच झूलती कांग्रेस के तमाम नेता अक्सर ऐसे बयान देते रहे हैं, जिससे वह खुद तो सुर्खियों में आ जाते हैं लेकिन कांग्रेस के लिए दिक्कतें खड़ी कर देते हैं। पहले राजस्थान के मंत्री परसादी लाल मीणा ने राहुल गांधी की तुलना भगवान राम से की थी और उनकी कांग्रेस के अंदर ही काफी किरकिरी हुई थी. अब पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने कहा है कि गीता में भी जेहाद की बात है. कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल 20 अक्टूबर को एक किताब के बुक लॉन्च कार्यक्रम में दिल्ली पहुंचे थे. इस किताब का नाम है मोहसिना किदवई.  इसी कार्यक्रम में शिवराज पाटिल ने कहा- कि ‘ऐसा कहा जाता है कि इस्लाम धर्म में जिहाद की बहुत चर्चा है. संसद में हम जिहाद को लेकर काम नहीं कर रहे हैं बल्कि विचार को लेकर काम कर रहे हैं.  वहीं पाटिल ने आगे दावा किया कि सिर्फ कुरान में ही नहीं, बल्कि गीता के हिस्से में भी जिहाद है. श्रीकृष्ण जी ने भी अर्जुन को जिहाद का पाठ पढ़ाया था. उन्होंने कहा इस्लाम ही नहीं हिंदू और ईसाई धर्म में भी जिहाद की बात है. अब इस बयान को लेकर काफी विवाद हो गया है. इस बयान पर भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि गोपाल इटालिया और राजेंद्र पाल के बाद अब कांग्रेस के शिवराज पाटिल भी वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदुओं के प्रति नफरत दिखा रहे हैं और बता रहे हैं कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जिहाद का पाठ पढ़ाया था. कांग्रेस हिंदू को भगवा आतंकवाद के साथ जोड़ती है, राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करती है. 

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बता दें कि परसादी लाल मीणा और शिवराज पाटिल के अलावा भी कांग्रेस के कई नेता ऐसा बयान देते रहे हैं, जिस पर सवाल खड़े होते हैं. जब ईडी ने सोनिया गांधी से पूछताछ की थी, तब कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केआर रमेश कुमार ने भी कहा था कि हम लोगों ने नेहरू, इंदिरा, सोनिया गांधी के नाम पर तीन-चार पीढ़ियों के लिए खूब पैसा बनाया. अब अपनी वफादारी दिखाने का समय आ गया है. अगर हम इतना भी त्याग नहीं कर सकते तो अच्छा नहीं होगा. इससे पहले भी एक बार केआर रमेश कुमार ने कहा था कि रेप रोक न सको तो लेटकर मजे लो. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2012 में जयराम रमेश ने कहा था कि देश में शौचालयों से ज्यादा मंदिर हैं. इससे पहले साल 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कहा था 'हुआ तो हुआ'. हालांकि बाद में उन्होंने कहा था कि मेरी हिंदी अच्छी नहीं है. मैं तो जो हुआ, वो बुरा हुआ, कहना चाहता था. 

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अब जब से हिंदू-मुस्लिम राजनीति ज्यादा प्रभावी हो रही है तब से कांग्रेस सॉफ्ट हिंदूत्व की रणनीति पर चलती दिखी लेकिन एक तरह राहुल गांधी की राम से तुलना करके परसादी लाल ने एक एक्सट्रीम को छुआ तो वहीं, दूसरी ओर शिवराज पाटिल ने गीता में जिहाद की बात कहकर दूसरी एक्सट्रीम को. अब इन बयानों का असर कितना होगा, ये तो फिलहाल तय करना मुश्किल है लेकिन ऐसे बयानों को लेकर क्या नये अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कोई स्टैंड ले पाते हैं, ये देखने वाली बात होगी.