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शिवसेना ने महाराष्ट्र में मुस्लिम कोटा का समर्थन किया.
हिंदुत्व की राजनीति के लिए जानी जाने वाली पार्टी शिवसेना ने महाराष्ट्र में मुस्लिम कोटा को अमल में लाने के लिए अपना बयान जारी किया है. शिवसेना के वोट बैंक का बड़ा हिस्सा हिन्दू समुदाय से जुड़ा हुआ है. लेकिन अब शिवसेना मुस्लिम वोटर्स का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है. शिवसेना नेता सुनील प्रभु ने मंगलवार को विपक्षी दल द्वारा शुरू की गई चर्चा में अपनी पार्टी की तरफ से महाराष्ट्र में मुस्लिम कोटा का समर्थन किया. शिवसेना का यह बयान उस वक्त आया है जब खुद उद्धव ठाकरे 24 और 25 नवंबर को अयोध्या की यात्रा पर होंगे. जिसके लिए शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने एक नया नारा - हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर- फिर सरकार भी दिया. वहीं चर्चा में अपनी बात रखते हुए सुनील प्रभु ने कहा कि सरकार को यह भी स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि राज्य में मौजूदा 52 प्रतिशत कोटा को छुए बिना सरकार कैसे मराठाओं को आरक्षण देगी. शिवसेना चीफ सुनील प्रभू ने धांगड़ और लिंगायत समुदाय को भी आरक्षण देने की बात कही.
गौरतलव है शिवसेना हमेशा से ही कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए जाने जाती है. ऐसे में शिवसेना आगे आने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम समुदाय को लुभाना चाहती है.
Maharashtra: Muslim Muk Morcha take out a protest march in Pune demanding 5% reservation for the community in jobs and education sector, among other demands pic.twitter.com/JfjhIuwhEl
— ANI (@ANI) September 9, 2018
सितम्बर माह में भी महाराष्ट्र में मुस्लिम मूक मोर्चा की ओर से पुणे में एक मार्च निकाला गया है जिसमें मांग की गई कि शिक्षा, नौकरी में मुसलमानों को भी 5 फीसदी का आरक्षण दिया जाए. आरक्षण को लेकर अब हर समुदाय की ओर से मांग बढ़ती जा रही है. कह सकते हैं सरकारों द्वारा वोट बैंक बढ़ाने का यह आसान तरीका समय-समय पर सरकारों के लिए गले का फंदा भी बनता रहा है.