शिवसेना ने 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को बदलने को लेकर आरबीआई को दिये निर्देश का श्रेय लिया है। पार्टी का कहना है कि उनके दबाव के कारण ही सहकारी बैंकों में जमा पुराने नोटों को जमा करने का निर्देश दिया गया है।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, 'शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही यह मांग की थी और बाद में हमारे मंत्री दिवाकर राउते ने भी इसे उठाया।'
नोटबंदी के करीब आठ महीने बाद केंद्र सरकार ने आरबीआई को आदेश दिया है कि 500 रुपये और 1000 रुपये के सभी पुराने नोट जो जिला सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के पास पड़े हैं, उन्हें वो स्वीकार करे।
शिवसेना ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का वादा किया है। केंद्र सरकार ने शिवसेना के इस एलान के तीन घंटों बाद ही अधिसूचना जारी की गई।
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नए आदेशों के मुताबिक, डीसीसीबी अगले 30 दिनों में आरबीआई के पास साल 2016 के 8 नवंबर को की गई नोटबंदी के बाद पांच दिनों तक इकट्ठा हुए पुराने नोटों को जमा करा सकते हैं।
डीसीसीबी को पिछले साल 14 नवंबर से पुराने नोटों को स्वीकार करने से रोक दिया गया था और राउते के मुताबिक, महाराष्ट्र में सहकारी बैंकों के अकेले सहकारी बैंकों के पास 2,271 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हैं, जिन्हें आरबीआई स्वीकार नहीं कर रहा था।
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सरकार ने बैंकों और डाकघरों को भी अनुमति दी है कि साल 2016 के 30 नवंबर से पहले एकत्र किए ए पुराने नोट को निर्दिष्ट बैंक नोट (बैंक, पोस्ट ऑफिस और डीसीसीबी) नियमों, 2017 के तहत आरबीआई के पास जमा करा सकेंगे।
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Source : News Nation Bureau