शिवसेना का दावा, RBI का सहकारी बैंकों का पुराना नोट लेने का फैसला उनके दबाव में

शिवसेना ने 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को बदलने को लेकर आरबीआई को दिये निर्देश का श्रेय लिया है।

शिवसेना ने 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को बदलने को लेकर आरबीआई को दिये निर्देश का श्रेय लिया है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
शिवसेना का दावा, RBI का सहकारी बैंकों का पुराना नोट लेने का फैसला उनके दबाव में

शिवसेना ने 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को बदलने को लेकर आरबीआई को दिये निर्देश का श्रेय लिया है। पार्टी का कहना है कि उनके दबाव के कारण ही सहकारी बैंकों में जमा पुराने नोटों को जमा करने का निर्देश दिया गया है।

Advertisment

पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, 'शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही यह मांग की थी और बाद में हमारे मंत्री दिवाकर राउते ने भी इसे उठाया।'

नोटबंदी के करीब आठ महीने बाद केंद्र सरकार ने आरबीआई को आदेश दिया है कि 500 रुपये और 1000 रुपये के सभी पुराने नोट जो जिला सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के पास पड़े हैं, उन्हें वो स्वीकार करे।

शिवसेना ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का वादा किया है। केंद्र सरकार ने शिवसेना के इस एलान के तीन घंटों बाद ही अधिसूचना जारी की गई।


और पढ़ें: सहकारी बैंक 20 जुलाई तक जमा करा सकेंगे 500-1000 रुपये के पुराने नोट, वित्त मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन

नए आदेशों के मुताबिक, डीसीसीबी अगले 30 दिनों में आरबीआई के पास साल 2016 के 8 नवंबर को की गई नोटबंदी के बाद पांच दिनों तक इकट्ठा हुए पुराने नोटों को जमा करा सकते हैं।

डीसीसीबी को पिछले साल 14 नवंबर से पुराने नोटों को स्वीकार करने से रोक दिया गया था और राउते के मुताबिक, महाराष्ट्र में सहकारी बैंकों के अकेले सहकारी बैंकों के पास 2,271 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हैं, जिन्हें आरबीआई स्वीकार नहीं कर रहा था।

और पढ़ें: कोविंद को नीतीश का समर्थन,लालू बोले- विपक्ष की बैठक के बाद लेंगे फैसला

सरकार ने बैंकों और डाकघरों को भी अनुमति दी है कि साल 2016 के 30 नवंबर से पहले एकत्र किए ए पुराने नोट को निर्दिष्ट बैंक नोट (बैंक, पोस्ट ऑफिस और डीसीसीबी) नियमों, 2017 के तहत आरबीआई के पास जमा करा सकेंगे।

और पढ़ें: मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, केरल में PM मोदी की जान को था खतरा

Source : News Nation Bureau

Shiv Sena RBI modi govt
      
Advertisment