NDA से निकाले जाने के बाद शिवसेना ने BJP पर उठाए सवाल, मुखपत्र सामना में बोला हमला

फर्नाडिस राजग संयोजक थे, आडवाणी राजग के अध्यक्ष थे. वे एकसाथ कोई भी निर्णय लेने से पहले बैठक करते थे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते थे

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Ravindra Singh
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SANJAY RAUT ON BJP JAN ASHIRVAD YATRA

संजय राउत( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अनौपचारिक ढंग से बेदखल होने के दो दिन बाद शिवसेना ने मंगलवार को राजग की वैधता पर गंभीर प्रश्न खड़ किए. पार्टी ने जानना चाहा है कि किसने राजग से शिवसेना को बाहर निकालने का फैसला किया? क्या इसके लिए उचित प्रक्रिया अपनाई गई? और, यह कठोर कदम उठाने से पहले क्या कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया?

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में कहा, "एक धूर्त चेहरे वाले व्यक्ति ने, जिसने यह घोषणा की, उसे उस बीती राजनीति का ज्ञान नहीं है जिसकी वजह से राजग का निर्माण हुआ और जिसमें गठन के पहले दिन से ही शिवसेना इसके 'कर्म-धर्म' में शामिल थी." पार्टी ने कहा कि इसका गठन शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व रक्षा मंत्री दिवंगत जार्ज फर्नाडिस, भाजपा के वरिष्ठ नेता एल.के. आडवाणी और अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल जैसे दिग्गज नेताओं ने किया था, जो इसके संस्थापक स्तंभ थे.

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पार्टी ने कहा, "फर्नाडिस राजग संयोजक थे, आडवाणी राजग के अध्यक्ष थे. वे एकसाथ कोई भी निर्णय लेने से पहले बैठक करते थे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते थे." शिवसेना ने कहा, "लेकिन, आज राजग का अध्यक्ष/संयोजक कौन है? क्या सभी राजग के गठबंधन साथियों की बैठक हुई थी और मामले पर चर्चा हुई थी? फिर, किस आधार पर शिवसेना को हटाने का निर्णय लिया गया और किसके द्वारा लिया गया?"  शिवसेना ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का अप्रत्यक्ष रूप से संदर्भ देते हुए उन्हें 'धूर्त चेहरे वाला एक व्यक्ति' करार दिया.

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शिवसेना ने लिखा, "उन्होंने (प्रह्लाद जोशी ने) कहा था, शिवसेना के मंत्री ने राजग सरकार से इस्तीफा दे दिया है. वे आज की राजग बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं और कांग्रेस व शिवसेना के साथ गठबंधन बनाने को लेकर काम कर रहे हैं. इसलिए यह स्वभाविक है कि उन्हें दोनों सदनों में विपक्ष की तरफ सीट आवंटित की गई है." लेकिन, भाजपा के एक महासचिव ने नाम उजागर न करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा कि दोनों पार्टियों के बीच संबंध लगभग खत्म होने के बावजूद, शिवसेना तकनीकी रूप से राजग का हिस्सा बनी हुई है.

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