शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर पहचान पत्र और आधार को लिंक किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह न्यायालय की समिति और उद्देश्यों का उल्लंघन है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को चुनाव कानून संशोधन विधेयक 2021 पर अपने विचार साझा करते हुए कहा की सरकार का पहचान पत्र और आधार को लिंक करना गलत है। उन्होंने कहा क्योंकि वह राज्यसभा से इस पूरे शीतकालीन सत्र के लिये निलंबित हैं, इसलिए यह पत्र लिखकर अपनी बात रख रही हैं। उन्होंने कहा यह विधेयक न्यायमूर्ति के.एस. पुट्टस्वामी (सेवानिवृत्त) बनाम केंद्र हो गया है। उन्होंने कहा केंद्र के इस फैसले ने न्यायालय समिति के उद्देश्यों को सीमित कर दिया है। आधार लिंक करने का उद्देश्य (धारा 57 में) कानून द्वारा समर्थित होना चाहिए। न्यायालय ने आधार के माध्यम से केवल कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की अनुमति दी है।
बायोमेट्रिक विफलता, पर्याप्त बुनियादी ढांचे की अनुपस्थिति और पर्याप्त शिकायत निवारण तंत्र की कमी जैसे मुद्दे आधार पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करते हैं। उंगलियों के निशान और चेहरे के प्रमाणीकरण की विफलता के मामले व्यापक हैं जो लोगों को उनके कानूनी अधिकारों से वंचित कर देते हैं। समाज के कमजोर वर्ग आमतौर पर इस तरह के बहिष्कार से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। वहीं मुद्दे चुनावी डेटा रिकॉर्ड को प्रभावित करेंगे, उन्हें बिना किसी तकनीकी जवाबदेही के छोड़ देंगे।
उन्होंने दावा किया कि डेटा का लीकेज, वोटर प्रोफाइलिंग, और वोटर फ्रॉड- वोटर आइडेंटिटी को आधार इकोसिस्टम से जोड़ने से वोटर माइक्रो-टारगेटिंग को बढ़ावा मिलेगा, खासकर चुनाव प्रचार के दौरान। इससे जुड़े कई अन्य मुख्य मुद्दे हैं, जिनको लेकर न्यायालय पहले चिंता जता चुका है।
हालांकि इस मसले पर केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 चुनावी पंजीकरण अधिकारियों को पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से मतदाता के रूप में पंजीकरण करने वाले लोगों की आधार संख्या की तलाश करने की अनुमति देता है।
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Source : IANS