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महाराष्ट्र: शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस की राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात टली, जानें क्यों

महाराष्ट्र: शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की राज्याल कोश्यारी से मुलाकात टली, जानें क्यों

Updated on: 16 Nov 2019, 04:08 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन के बीच शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात करने वाले थे. लेकिन  मुलाकात टल गई. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस आज शाम 4.30 बजे किसानों की समस्याएं और प्रशासन संबंधित मुद्दे को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करने वाले थे. लेकिन राज्यपाल से मुलाकात करने वाले कई नेता अपने-अपने एरिया में किसानों से बातचीत करने के लिए गए है जो वापस नहीं लौटे हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच डील फाइनल हो गई है. तीनों पार्टियों के बीच सरकार बनाने के लिए फॉर्मूला तय हो चुका है और जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि तीनों पार्टियों के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार गठन को लेकर चर्चा कर सकते हैं. 

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एनसीपी (NCP) नेता नवाब मलिक ने शुक्रवार को कहा था कि कल राज्यपाल के साथ किसानों के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से किसानों को राहत देने की मांग को लेकर मिलेगा. लेकिन इनकी आज होने वाली मुलाकात टल गई. 

इस बीच बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्‍यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने एक बयान देकर राज्‍य की राजनीति में सनसनी मचा दी है. चंद्रकांत पाटिल ने कहा है, बीजेपी के पास 119 विधायकों का समर्थन है और राज्य में बीजेपी ही अगली सरकार बनाएगी.

चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया है कि चुनाव में बीजेपी को 105 सीटें मिली थीं और कुछ निर्दलीय विधायकों की संख्‍या को जोड़कर उसकी संख्‍या 119 तक पहुंच रही है. पाटिल का यह भी कहना है कि हम राज्य में सभी राजनीतिक गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं.

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महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा (Maharashtra Assembly) में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी के लिए 145 विधायकों का समर्थन जुटाना जरूरी है. त्रिशंकु विधानसभा की स्‍थिति और अब राष्‍ट्रपति शासन (President Rule) लागू हो जाने के बाद राज्‍यपाल उसी को सरकार बनाने का न्‍यौता देंगे, जिनके पास 145 विधायकों का लिखित समर्थन की चिट्ठी होगी. फिलवक्‍त शिवसेना बीजेपी के साथ जाने से रही. ऐसे में विकल्‍प के रूप में बीजेपी के पास अब केवल एनसीपी ही बची है.

(इनपुट एजेंसी)