सीबीआई दफ्तर से बाहर निकले राजीव कुमार (फोटो-ANI)
करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दफ्तर से बाहर आये. सीबीआई ने रविवार को भी राजीव कुमार को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर बुलाया है. शारदा चिट फंड मामले में सीबीआई ने पुलिस कमिश्नर को शिलॉन्ग के दफ्तर में बुलाया था. सूत्रों के मुताबिक, सुबह 11 बजे सीबीआई ने शिलॉन्ग शाखा कार्यालय में राजीव कुमार से पूछताछ शुरू की थी. सुबह 10:45 बजे वह कार्यालय पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई जांच में शामिल होने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद वह पहुंचे.
Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar leaves from Central Bureau of Investigation (CBI) office in Shillong after being questioned by CBI in connection with Saradha chit fund scam. He will be questioned tomorrow as well. pic.twitter.com/VcJ9CF6J3b
— ANI (@ANI) February 9, 2019
टीएमसी के पूर्व सांसद कुणाल घोष को भी इस मामले में पूछताछ के लिए कल सीबीआई ने अपने दफ्तर में बुलाया है. कुणाल घोष ने कहा कि, मुझे सीबीआई ने पूछताछ के लिए कल सुबह 10 बजे बुलाया है, इसलिए मैं यहां हूं. कल मैं दफ्तर जाऊंगा.'
Former TMC MP Kunal Ghosh in Shillong: I have been asked by Central Bureau of Investigation (CBI) to attend the Shillong Office on 10th (Feb) at 10 am. So, I am here. I shall attend the CBI office tomorrow as directed by them. #Meghalayapic.twitter.com/ZevBu5Y5ec
— ANI (@ANI) February 9, 2019
बता दें कि शारदा और रोज वैली चिट फंड मामलों में राजीव कुमार से पूछताछ करने के लिए सीबीआई की टीम रविवार उनके आवास पर पहुंची थी. इस दौरान सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था. सीबीआई अधिकारियों के साथ कथित रूप से धक्का-मुक्की हुई और कुछ घंटों के लिए टीम को हिरासत में ले गया था. इन सबके बीच सीबीआई विवाद पर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मेट्रो चैनल के पास 45 घंटों से अधिक समय तक धरना दिया था. ममता के धरने को विपक्ष का समर्थन मिला था.
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 5 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना धरना खत्म कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश दिया कि राजीव कुमार से जांच एजेंसी पूछताछ कर सकती है, लेकिन उन्हें न तो गिरफ्तार कर सकती है, और न उन पर कोई जोर-जबरदस्ती कर सकती है. अपने धरना को 'लोग, देश और लोकतंत्र' की जीत बताते हुए ममता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर धरना खत्म किया था.
साल 2013 में घोटाले के उजागर होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजीव कुमार की अगुवाई में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. राजीव कुमार मौजूदा समय में कोलकाता पुलिस आयुक्त हैं और हालिया केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद के घेरे में हैं.
Source : News Nation Bureau