नागरिकता संशोधन कानून पर समुदाय की नाराजगी झेल शिया धर्मगुरु ने लिया यू-टर्न
CAA और एनआरसी (NRC) दोनों दो अलग-अलग चीजें हैं. NRC अब तक केवल असम में लागू किया गया है और देश में अभी लागू नहीं है और हम यह भी नहीं जानते कि इसमें क्या कायदे-कानून होंगे.
नई दिल्ली:
नए नागरिकता कानून के संदर्भ में समुदाय की नाराजगी झेलते हुए लखनऊ के शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने यू-टर्न ले लिया है. समुदाय को दिए एक वीडियो संदेश में जव्वाद ने कहा है कि उन्होंने कभी सीएए का समर्थन नहीं किया और वह इसके व एनसीआर के खिलाफ हैं और दावा किया कि उनके पूर्व के बयान को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया था. जव्वाद ने एक संदेश में दावा किया कि उन्होंने दारुल-उलूम नदवातुल उलमा के चांसलर मोहम्मद राबे हसनी नदवी से मुलाकात की और उनसे समुदाय का नेतृत्व करने का आग्रह किया.
लेकिन, उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि वह छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. उन्होंने समुदाय के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस की निंदा की और धार्मिक नेताओं से समुदाय का सही तरीके से नेतृत्व करने और महात्मा गांधी द्वारा दिए गए औजार सविनय अवज्ञा आंदोलन के जरिए आगे बढ़ने का आग्रह किया. इससे पहले के बयान के अनुसार, जो मीडिया में है, शिया समुदाय धर्मगुरु जव्वाद ने सीएए का समर्थन किया था. उनका बचाव अंजुमन हैदरी ने किया था.
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आपको बता दें कि इसके पहले शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्तावित एनआरसी को लेकर बड़ा बयान दिया था. कल्बे जव्वाद ने कहा, अभी तक हम यह नहीं जानते कि एनआरसी के क्या नियम होंगे और हम इसका विरोध किए जा रहे हैं. CAA और एनआरसी (NRC) दोनों दो अलग-अलग चीजें हैं. NRC अब तक केवल असम में लागू किया गया है और देश में अभी लागू नहीं है और हम यह भी नहीं जानते कि इसमें क्या कायदे-कानून होंगे. राजनीतिक दल इस मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रही हैं. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर संयम से काम लें.
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कल्बे जव्वाद से पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC का समर्थन किया था. बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं और राष्ट्र कि सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस कानून में शिया मुसलमानों को भी शामिल किए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुसलमान शिया मुसलमान पर भी जुल्म करते हैं, भारत सरकार हमारी बात पर विचार कर रही है. वसीम रिजवी ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा सबसे ऊपर है जिससे कोई समझौता नहीं हो सकता. NRC और CAA राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित हैं. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड इसका समर्थन करता है. सुन्नी कट्टरपंथी मुसलमान सरकार विरोधी पार्टियों की साजिश का शिकार हो गए हैं, जो सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं.
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