'देशविरोधी' शेहला राशिद को नहीं मिला मीडिया का साथ, 17 साल पुराना मुद्दा लेकर निकाल रही हैं 'बाल की खाल'

श्रीनगर में जन्मीं शेहला राशिद अपने विवादित पोस्ट को लेकर आए दिन चर्चाओं में बनी रहती हैं. सेना के खिलाफ ट्वीट करने के बाद शेहला को पाकिस्तान से काफी समर्थन मिलने लगा है.

श्रीनगर में जन्मीं शेहला राशिद अपने विवादित पोस्ट को लेकर आए दिन चर्चाओं में बनी रहती हैं. सेना के खिलाफ ट्वीट करने के बाद शेहला को पाकिस्तान से काफी समर्थन मिलने लगा है.

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Sunil Chaurasia
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'देशविरोधी' शेहला राशिद को नहीं मिला मीडिया का साथ, 17 साल पुराना मुद्दा लेकर निकाल रही हैं 'बाल की खाल'

image courtesy: twitter

देश की राजधानी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्र नेता रह चुकीं शेहला राशिद पर प्रशासन का शिकंजा कस चुका है. शेहला राशिद ने 18 अगस्त को अपने ट्विटर अकाउंट पर भारतीय सेना के खिलाफ फेक न्यूज पोस्ट की थी. उन्होंने एक के बाद एक कश्मीर के हालातों को लेकर भारतीय सेना के खिलाफ झूठी खबर फैलाई थी, जिसके आरोप में सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. शेहला राशिद द्वारा पोस्ट की गई फेक न्यूज की जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंपा गया है.

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श्रीनगर में जन्मीं शेहला राशिद अपने विवादित पोस्ट को लेकर आए दिन चर्चाओं में बनी रहती हैं. सेना के खिलाफ ट्वीट करने के बाद शेहला को पाकिस्तान से काफी समर्थन मिलने लगा है, इतना ही नहीं पाकिस्तान में शेहला हिट हो रही हैं. ट्विटर पाकिस्तान पर शेहला राशिद काफी ट्रेंड में भी हैं. सेना के खिलाफ ट्वीट कर कानूनी जाल में फंसने के बाद अब शेहला राशिद ने भारतीय मीडिया पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं.

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शेहला ने 20 अगस्त की आधी रात को ट्वीट कर लिखा, "प्रिय भारतीय मीडिया, आप सबूत के साथ क्या करेंगे? पथरीबल फर्जी मुठभेड़ सीबीआई द्वारा सोची-समझी साजिश के तौर पर स्थापित किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही यह सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या थी, हम AFSPA के कारण मुकदमा नहीं चला सकते. आपने क्या किया? क्या आपने न्याय के लिए अभियान चलाया?" शेहला राशिद के इस ट्वीट को करीब 2 हजार लोगों ने रीट्वीट किया है, जबकि करीब 6.5 हजार लोगों ने इस ट्वीट को लाइक भी किया है. बता दें कि पथरीबल मुठभेड़ मामला साल 2002 का है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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