न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल स्टैंडर्डस अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने जी न्यूज द्वारा प्रसारित उस कार्यक्रम का विरोध किया था, जिसमें उसके तत्कालीन एंकर ने एक साक्षात्कार के दौरान जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद के पिता को जंगली करार दिया था और उसके, उसकी बहन और उसकी मां पर आरोप लगाए थे।
एकल-न्यायाधीश की पीठ के न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव शेहला राशिद की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें जी न्यूज और उसके तत्कालीन एंकर सुधीर चौधरी से 30 नवंबर, 2020 को प्रसारित शो के लिए माफी मांगने का निर्देश देने की मांग की गई है।
एनबीडीएसए ने कहा कि चैनल को प्रसारण के लिंक हटाने के लिए भी कहा गया था।
न्यायमूर्ति कौरव को सूचित किया गया कि एनबीडीएसए और जी न्यूज ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है और उक्त पत्रकार चैनल की प्रतिक्रिया को स्वीकार करेंगे।
एनबीडीएसए का प्रतिनिधित्व करते हुए अधिवक्ता निशा भंभानी ने कहा कि उन्होंने ब्रॉडकास्टर को इस तरह के कार्यक्रमों को प्रसारित करते समय सावधानी बरतने और भविष्य में नियमों का उल्लंघन नहीं दोहराने का निर्देश दिया है।
वकील ने कहा कि चैनल ने प्राधिकरण को सूचित किया है कि कार्यक्रम के सभी लिंक हटा दिए गए हैं।
न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई के लिए मामले को 19 जुलाई को सूचीबद्ध करते हुए प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।
एक हफ्ते पहले, जी के वकील ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह के समक्ष मामले का उल्लेख किया था और जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा था। हालांकि, प्रतिभा सिंह ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
शेहला राशिद ने चैनल के पूर्व एंकर सुधीर चौधरी से माफी की मांग की है। उन्होंने अप्रैल 2022 में एनबीडीएसए द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें जी न्यूज को उनके शो के लिंक को हटाने का निर्देश दिया गया था, क्योंकि इसमें निष्पक्षता की कमी थी और कहानी का केवल एक पक्ष प्रस्तुत किया गया था।
शेहला ने एनबीडीएसए को यह भी लिखा था कि कार्यक्रम में कहा गया है कि वह राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल थीं और आतंकवाद को वित्तपोषित कर रही थीं।
एनबीडीएसए द्वारा समाचार चैनल को शो का लिंक हटाने का आदेश देने के बाद भी शेहला संतुष्ट नहीं थीं, क्योंकि एसोसिएशन ने जी न्यूज को उसके पोस्ट के लिए माफी जारी करने का निर्देश नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने एनबीडीएसए के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया।
अपनी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान को कम करने के लिए याचिकाकर्ता ने उनके खिलाफ कार्यक्रम को प्राइम-टाइम के दौरान प्रसारण के लिए माफी मांगने की मांग की है, क्योंकि सिर्फ वीडियो का लिंक हटाने से उनकी गरिमा और प्रतिष्ठा बहाल नहीं होगी।
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Source : IANS