कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शनिवार को वीर सावरकर को दो राष्ट्र सिद्धांत का पहला पैराकोर करार देते हुए कहा कि उनके प्रस्ताव के तीन साल बाद कहीं जाकर मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए अलग देश पाकिस्तान का प्रस्ताव का पेश किया था. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पैनल डिस्कशन में बोलते हुए थरूर ने कहा कि यह गलत धारणा है कि दो राष्ट्र सिद्धांत सबसे पहले मुस्लिम लीग ने दिया था. उससे भी कहीं पहले इस सिद्धांत का प्रतिपादन सावरकर ने किया था. जाहिर है शशि थरूर के इस बयान पर उबाल आना फिर से तय है.
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सावरकर के तीन साल बाद पाकिस्तान प्रस्ताव हुआ था पेश
उन्होंने कहा कि सावरकर ने हिंदू महासभा के सर्वेसर्वा बतौर हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग देश की वकालत की थी. उसके तीन साल बाद मुस्लिम लीग ने लाहौर में पाकिस्तान का प्रस्ताव पेश किया था. जाहिर है थरूर की सावरकर पर यह टिप्पणी एक बार फिर राजनीतिक तूफान को जन्म देगी. हालिया दौर में सावरकर पर की गईं अलग-अलग टिप्पणियों पर काफी बवाल मचा है. बीजेपी और शिवसेना सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की पक्षधर हैं, जबकि कुछ राजनीतिक दल और नेता इसके विरोध में हैं.
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शिवसेना है काफी मुखर
सावरकर को भारत रत्न की पैरोकारी करते हुए शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि जो लोग वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें कुछ दिन दिनों के लिए कालापानी के उसी जेल में रख देना चाहिए जहां वीर सावरकर ने लंबा समय काटा. संजय राउत ने 18 जनवरी को कहा था कि शिवसेना हमेशा से वीर सावरकर के सम्मान की बात करती आई है. उनका विरोध करने वाले जब कालापानी की अंडा जेल में रहेंगे तब उन्हें वीर सावरकर के त्याग और योगदान की समझ आएगी.
HIGHLIGHTS
- शशि थरूर ने वीर सावरकर को दो राष्ट्र सिद्धांत का पहला पैराकोर करार दिया.
- उसके तीन साल बाद मुस्लिम लीग ने लाहौर में पाकिस्तान का प्रस्ताव पेश किया.
- बीजेपी और शिवसेना सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की पक्षधर हैं.