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जामिया में CAA-NRC पर बोले शशि थरूर- जब NPR के लिए लोग आएंगे तो हम उन्हें कुछ नहीं बताएंगे

कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में संबोधन दिया.

Updated on: 12 Jan 2020, 07:00 PM

नई दिल्‍ली:

देश में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लागू हो चुका है. हालांकि, देश में अब भी इस कानून का काफी विरोध किया जा रहा है. इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएए अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है. यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है.

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जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर CAA के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन जारी है. जामिया में CAA और NRC के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को अपना समर्थन देने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा पहुंचे. इससे पहले शशि थरूर जाम में फंस गए. पुलिस बैरिकेडिंग की वजह से वह अपनी कार छोड़कर पैदल ही जामिया यूनिवर्सिटी गए. बता दें कि पिछले दिनों नागरिकता संशोधन को लेकर जामिया में हिंसा देखने को मिली थी. इस दौरान कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस दौरान पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े थे.

इस दौरान शशि थरूर सड़क पर जाम लगने के कारण गाड़ी से उतकर पैदल ही जामिया पहुंचे. शशि थरूर ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को असंवैधानिक और भेदभाव पूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर एक खास धर्म के लोगों को छोड़ दिया है. शशि थरूर ने कहा कि मैं देरी से आया हूं. कुछ परेशानी थी. केरला तक आपकी आवाज गई. देश की सबसे बहादुर महिलाएं शाहीन बाग की हैं. सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है. मैं संसद इस बिल के खिलाफ बोला, लेकिन हमारी एक न चली. जब घर-घर NPR के लिए लोग आएंगे तो हम उन्हें कुछ नहीं बताएंगे. मोदी और अमित शह जी ने भगवा चलाया, लेकिन हम तिरंगा चलाएंगे.

इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक मीडिया से बातचीत में कहा था कि भारत की पहचान एक धर्म और एक जाति के रूप में नहीं है, लेकिन फिर भी भारत में एकता है. जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ छात्र सड़क पर उतर आए. इस प्रदर्शन में राजनीति से दूर रहने वाले कॉलेज का साथ आना सबसे अहम है.

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शशि थरूर ने आगे कहा था कि जब मैं कॉलेज में था, तब जय प्रकाश नारायण का आंदोलन चला था. मेरे सहपाठियों ने पूछा कि क्या हम इस आंदोलन में हिस्सा लेंगे तो मैंने कहा था कि हम गैर राजनीतिक संगठन हैं. छात्र संघ के रूप में हम इस आंदोलन में हिस्सा नहीं ले सकते हैं. हालांकि, हम इस आंदोलन में हिस्सा लेने से किसी को नहीं रोकेंगे.